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amritsar train accident : over 50 feared dead after train runs over people celebrating dussehra-अमृतसर : दशहरा देख रहे करीब 60 लोगों की ट्रेन से कटकर मौत - Sabguru News
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अमृतसर : दशहरा देख रहे करीब 60 लोगों की ट्रेन से कटकर मौत

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अमृतसर : दशहरा देख रहे करीब 60 लोगों की ट्रेन से कटकर मौत
amritsar train accident : over 50 feared dead after train runs over people celebrating dussehra
amritsar train accident : over 50 feared dead after train runs over people celebrating dussehra
amritsar train accident : over 50 feared dead after train runs over people celebrating dussehra

अमृतसर। पंजाब के अमृतसर में शुक्रवार को एक भयानक हादसे में रावण दहन देख रहे 60 से अधिक लोगों की रेलगाड़ी की चपेट में आने से मौत हो गई जबकि लगभग 70 लोग घायल हो गए। आधिकारिक तौर पर अभी तक 59 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है।

पुलिस उपायुक्त अमरीक सिंह पवार ने अस्पताल का दौरा करने के बाद कहा कि हादसे में 59 लोगों की मौत हो चुकी है तथा मृतकों की संख्या और अधिक बढ़ने की आशंका है।

इससे पहले अमृतसर के पुलिस आयुक्त एस श्रीवास्तव ने बताया कि धोबी घाट के नजदीक जोड़ा फाटक के पास रेलवे लाइन पर खड़े होकर रावण दहन देख रहे कम से कम 50 लोगों की उस समय मौत हो गई जब जालंधर से अमृतसर जा रही डीएमयू ट्रेन वहां से गुजरी।

मृतकों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि शवों के कई टुकड़ों में कट जाने और क्षत विक्षत होने के कारण मृतकों की सही जानकारी जुटाने में मुश्किल आ रही है।घटनास्थल पर प्रशासन के खिलाफ लोगों के प्रदर्शन जारी रहने के कारण भी अफरा-तफरी का माहौल है।

अमृतसर शहर से सटे जोड़ा फाटक के पास शाम करीब साढ़े छह बजे रावण दहन का कार्यक्रम चल रहा था और बड़ी संख्या में लोग रेलवे ट्रैक पर खड़े थे। इसी दौरान तेज़ रफ़्तार डीएमयू ट्रेन जोड़ा फाटक से गुज़री और पटरी पर खड़े कई लोग इस ट्रेन की चपेट में आ गए। यह डीएमयू ट्रेन जालंधर से अमृतसर जा रही थी।

एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि जिस वक़्त ये तेज रफ़्तार ट्रेन घटनास्थल से गुज़री, बहुत सारे लोग ट्रैक पर बैठकर और खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे। कुछ लोग मोबाइल फ़ोन पर रावण दहन की वीडियो बना रहे थे।

बताया जा रहा है कि जब रावण के पुतले को आग लगाई गई तो मंच से लोगों से पीछे हटने की अपील की गई। इस वजह से भी काफ़ी लोग मैदान से पीछे हटकर रेलवे ट्रैक पर चले गए थे।

घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया जा रहा है। इसमें दिख रहा है कि लोग रावण दहन देख रहे हैं और मोबाइल से उसका वीडियो भी बना रहे हैं। तभी बाईं ओर से तेज़ रफ़्तार ट्रेन अचानक आती है। वीडियो से पता लगता है कि वहां मौजूद लोगों को ट्रेन के आने की भनक तक नहीं लगी।

इस कार्यक्रम में मंच पर पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू भी मौजूद थीं। राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस हादसे पर गहरा दुख जताया है और प्रत्येक मृतक के परिवार को पांच-पांच लाख रुपए सहायता राशि देने का एलान किया है। पुलिस आयुक्त एस एस श्रीवास्तव ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रेल मंत्री पीयूष गाेयल और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत विभिन्न दलों के नेताओं ने पंजाब के अमृतसर में रेलवे ट्रैक पर हुए हादसे पर गहरा दुख जताते हुए इसके पीड़ितों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। प्रधानमंत्री ने इस हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए दो-दो लाख रूपए, जबकि घायलों के लिए 50 हजार रूपये की आर्थिक सहायता को मंजूरी दी है।

रावण जलते देख गंवानी पड़ी जान

पंजाब के अमृतसर में शुक्रवार देर शाम को हुए बड़े रेल हादसे में रावण दहन देख रहे लोगों को विजयदशमी के दिन त्योहार के उमंग और उत्साह में अपनी जान गंवानी पड़ी।

अमृतसर में रावण दहन देख रहे लोगों और उनके परिजनों के लिए इस बार का दशहरा मौत का भयानक मंजर लेकर आया। रावण के पुतले का दहन देखने आये लोग जश्न में इतने मशगूल थे कि उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था का ध्यान नहीं रखा और उनकी लापरवाही ने ही पलभर में सैंकड़ों जिंदगियों को उजाड़ दिया।

पल भर में ही क्षत-विक्षत शव रेल लाइन के दोनों ओर पड़े हुए थे। चारों तरफ हाहाकार, भगदड़, पसरा खून, टूटी चप्पल-जूतें और अन्य सामान इस बात की तस्दीक कर रहे थे कि वे देखने तो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक रावण दहन आए थे लेकिन उनकी ही जीवन लीला का अंत हो गया।

जालंधर से अमृतसर की तरफ आ रही ट्रेन ने रावण दहन देख रहे कई लोगों को कुचल दिया। हादसे में 50 से ज्यादा लोगों के मरने की आशंका जताई जा रही है। हादसा चौड़ा बाजार के समीप हुआ। उस समय लोग पटरी के पास रावण दहन देख रहे थे और पटाखों के शोरगुल में तेजी आती हुई ट्रेन की आवाज सुनाई नहीं दी। ट्रेन लोगों को रौंदते हुए निकल गई। ऐसा होता देख वहां पर भगदड़ मच गई। इसमें काफी लोगों के मारे जाने की आशंका है।

घटना स्थल का मंजर हृदयविदारक हैं। ट्रैक के आसपास खून से लथपथ लाशें बिखरी पड़ी हुई हैं। घटनास्थल पर मौजूद चश्मदीद बताते हैं कि ट्रेन की स्पीड बहुत ज्यादा थी, जबकि भीड़भाड़ वाले इलाके को देखते हुए इसकी रफ्तार कम होनी चाहिए। इस घटना को लेकर स्थानीय लोगों में काफी नाराजगी है।

एक चश्मदीद ने बताया कि प्रशासन और दशहरा कमेटी की गलती से यह घटना हुई है। उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए था कि कार्यक्रम के दौरान यहां पर ट्रेन की स्पीड धीमी रखी जाए लेकिन ऐसा नहीं किया जा सका।

बहरहाल, घटनास्थल के पास काफी लोग एकत्रित हो गए हैं और स्वजनों की तलाश कर रहे हैं। मौके पर चारों तरफ लोगों को रोते-बिलखते देखा जा सकता हैं। यह सब कुछ इतना विचलित करने वाला है कि इसकी तस्वीरें खींचने में फोटोग्राफरों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था।

मौके पर हालांकि बचाव दल पहुंच चुका है। घटनास्थल के आस-पास बड़े पैमाने पर पुलिस बल को भी तैनात किया गया है। घायलों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। एक चश्मदीद का कहना है कि ट्रैक के पास का नजारा 1947 में देश के विभाजन के समय हुए दंगों जैसा हो गया है, जहां लाशें क्षत-विक्षत स्थिति में पड़ी हुईं हैं।