अजमेर। धरती मेरी मां है और मैं उसका पुत्र हूं केवल मात्र यह बोलने से काम नहीं चलेगा, बोलने की स्वतंत्रता का मतलब यह नहीं की हम जिस पृथ्वी को अपनी मां के समान मानते हैं उसे भला बुरा कहें। यह बात मंगलवार को डाॅ नारायण लाल गुप्ता ने दयानन्द महाविद्यालय के सभागार में भूगोल परिषद के उदघाटन समारोह को सम्बोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि धरती पर जन्म लेने वाला प्रत्येक प्राणी पृथ्वी माता का ऋणी है। हमारा शरीर एक मात्र हमारे भोजन को परिवर्तित करने का माध्यम है। पृथ्वी ने हमें भोजन दिया, प्राणवायु दी, जल दिया और हमें अनेक संसाधन उपलब्ध कराए जिसके कारण आज हम अपना जीवनयापन सुखसुविधाओं के साथ कर रहे है।
दुखद बात यह है कि इस सबके बावजूद वर्तमान में देश को तोडने वाली ताकते हमारे युवाओं को अपनी धरती मां को बोलने की स्वतंत्रता के नाम पर भारत तेरे टुकडे होगे आदि सीखा रही है, जो कि बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।
डाॅ गुप्ता ने विद्यार्थियों को देश सेवा के रूप में कैरियर चुनने की बता कही तथा विवेकानंद, चाणक्य और अर्जुन जैसे लक्ष्य निर्धारित करने की सीख। उन्होंने कृतज्ञता, सेल्फ मेड परसन, संस्कृति, चरित्र आदि विषय पर अपने विचार रखते हुए विद्यार्थियों को निरन्तर परिश्रम कर अपने लक्ष्य निर्धारण कर देश, समाज, परिवार हित में काम करने को कहा।
उन्होंने कहा कि तभी भारत माता और स्वयं की माता को लगेगा की उन्होंने एक सपूत को जन्म दिया है और भारत में जन्म लेने पर जीवन सार्थक हुआ है।
इस मौके पर विद्यार्थियों ने स्वच्छ भारत पर नृत्य नाटिका प्रस्तुत की। प्रथम वर्ष की बालिकाओं ने राजस्थानी नृत्य की प्रस्तुति दी। इसके साथ ही सामाजिक कुरूतियों पर भी विद्यार्थियों ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया।
इससे पूर्व कार्यक्रम का प्रारम्भ भारत माता के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवल कर किया गया।महाविद्यालय उपाचार्य डाॅ एमके सिंह ने माल्यार्पण कर अतिथियों का स्वागत किया। अंत में महाविद्यालय उपाचार्य तथा भूगोल विभागाध्यक्ष डाॅ एचके सेन ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
मंच संचालन डाॅ संत कुमार ने किया। इस अवसर पर डाॅ दीप सिं,ह अन्नू शर्मा, डाॅ प्रीति सिंह, डाॅ प्रदीप कुमार कसोटिया, डाॅ कपिल कुमार सहित अनेक प्राध्यापक भी उपस्थित थे।