नयी दिल्ली । केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गाँधी ने महिलाओं के सम्मान, गरिमा और प्रतिष्ठा के लिये सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुये शुक्रवार को कहा कि आर्थिक स्वावलंबन इसके लिये पहली सीढ़ी है।
गाँधी ने यहाँ भारतीय महिला राष्ट्रीय जैविक महाेत्सव का उद्घाटन करने के बाद कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य जैविक संस्कृति को बढ़ावा देना और महिला जैविक किसानों तथा उद्यमियों को प्रोत्साहित करना है। यह देश का सबसे बड़ा जैविक उत्सव है और राष्ट्र के जैविक आंदोलन में महिलाओं की अहम भूमिका को रेखांकित करता है।
महिलाओं के कल्याण के लिये सरकार की विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुये केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार की प्रतिबद्धता महिलाओं को सशक्त बनाने की है और इसके लिये आर्थिक स्वावलंबन जरूरी है।
दस दिवसीय जैविक उत्सव 26 अक्तूबर से 04 नवंबर चलेगा। इसमें 26 राज्यों की महिला उद्यमी हिस्सा लेंगी तथा जैविक उत्पादों का प्रदर्शन किया जायेगा। लेह से कन्याकुमारी और कोहिमा से कच्छ तक की 500 से अधिक महिला उद्यमी अपने-अपने जैविक उत्पादों को पेश करेंगी। इनमें चावल की 1200 किस्में, बाजरा, अनाज, दाल, मसाले, चिल्ली चॉकलेट, कद्दू के बीज, कुकीज, अचार, जाम, चटनी, जूस, सूखे फल, जैविक आईसक्रीम, तैयार भोजन, तेल, शहद, चाय, कॉफी, खुम्बी, जड़ी-बूटी, प्रसाधन, खुशबूदार उत्पाद, सौर उत्पाद, रसोई के कचरे से बनी खाद, जैविक बीज, जैविक सूती कपड़े, सूती कपड़े, बीजों से बने आभूषण, आसव, गाय के गोबर से बना एयर-प्यूरीफायर एवं अन्य उत्पाद शामिल हैं।
जैविक उत्पादों के अलावा महोत्सव के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम भी किये जायेंगे। इनमें लोक संगीत और लोक नृत्य प्रमुख हैं। दर्शकों को बाउल संगीत का आनंद भी मिलेगा तथा पूर्वोत्तर, पंजाब और राजस्थान के भी कार्यक्रम पेश किये जायेंगे।