बेंगलुरु। कर्नाटक के पूर्व मंत्री तथा खनन कारोबारी जनार्दन रेड्डी से केंद्रीय अपराध शाखा के अधिकारियों ने पॉन्जी घोटाले को लेकर पूछताछ की है।
पूछताछ के लिए तीन दिनों तक हाजिर न होने वाले रेड्डी शनिवार को सीसीबी दफ्तर में उपस्थित हुए, जहां सीसीबी अधिकारी उनसे इस घोटाले को लेकर पूछताछ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूछताछ के लिए तलब की जाने वाली नोटिस उन्हें शुक्रवार को मिली। पुलिस ने शनिवार की रात उन्हें खाना खाने घर जाने देने से इन्कार कर दिया और कहा कि उन्हें खाना दिया जाएगा।
सीसीबी अधिकारी रेड्डी से प्रवर्तन निदेशालय की जांच में एक व्यापारी की मदद के बदले कथित तौर पर 18 करोड़ रुपए की कीमत का 57 किलोग्राम सोना लेेने के मामले में पूछताछ कर रहे हैं।
रेड्डी की अग्रिम जमानत की याचिका सोमवार को खारिज करने वाले न्यायाधीश ने उनके वकील से शुक्रवार को कहा कि अगर वह निर्दोष हैं, तो अभी तक पूछताछ के लिए सीसीबी के सामने उपस्थित क्यों नहीं हुए, बल्कि गिरफ्तारी से पहले ही जमानत की अर्जी दाखिल कर दी।
उल्लेखनीय है कि रेड्डी ने सीसीबी अधिकारियों को बदलने की मांग को लेकर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने अपनी अर्जी में सीसीबी अधिकारियों पर खुद के खिलाफ अपमानजनक समाचार प्रसारित करने का आरोप लगाया था लेकिन उन्होंने इसको लेकर कोई साक्ष्य नहीं दिया था और न ही किसी अधिकारी का नाम बताया था।
रेड्डी ने एक वीडियो जारी किया था जिसमें एक अज्ञात जगह पर पूछताछ के लिए सीसीबी अधिकारियों के सामने उपस्थित होते हुए दिखाया गया था। उन्होंने कहा था कि जैसा कि पुलिस आरोप लगा रही है, वह न तो फरार हैं और न ही पूछताछ से बच रहे हैं।
रेड्डी ने कहा कि मैं पूछताछ के लिए एक दिन सीसीबी के सामने उपस्थित हो रहा हूं। उन्होंने मुझसे 11 नवंबर को हाजिर होने के लिए कहा था, लेकिन मैं एक दिन पहले उनके सामने उपस्थित हो रहा हूं और मैं जांच दल के साथ पूरा सहयोग करूंगा। राजनीतिक दवाब के कारण पुलिस मेरे खिलाफ अपमानजनक समाचार प्रसारित कर रही हैं।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) आलोक कुमार ने बताया कि रेड्डी से पांंजी घोटाले के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय की जांच के संबंध में पूछताछ की।