भुवनेश्वर । रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड(आरआईएल) अगले तीन वर्षों के दौरान विभिन्न कारोबार में ओडिशा में तीन हजार करोड़ रुपए का और निवेश करेगी।
आरआईएल के अध्यक्ष मुकेश अंबानी ने सोमवार को “ मेक इन ओडिशा कॉन्कलेव 2018” को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में बड़े स्तर पर डिजिटल बुनियादी ढांचा बनाने का लक्ष्य है और निवेश की अधिकांश राशि इसी क्षेत्र में खर्च की जायेगी।
अंबानी ने कहा कि रिलायंस राज्य के दूरदराज क्षेत्रों तक डिजिटल सुविधायें पहुंचाने का लक्ष्य लेकर चल रही है। कंपनी दूरदराज के गांवों में फोन, रेडियो और म्यूजिक प्लेयर,टीवी,कैमरा और इंटरनेट पहुंचाकर लोगों के जीवनस्तर में सुधार लाने के लिए काम कर रही है और यह सब सुविधायें मात्र सौ रुपये प्रति माह पर उपलबध करायी जायेंगी। उन्होंने कहा कि “ मिशन शक्ति ” योजना के तहत राज्य सरकार के साथ मिलकर कंपनी काम कर रही है जिससे लाखों महिलाओं को डिजिटल की धारा के साथ जोड़ा जाये।
अध्यक्ष ने कहा कि कंपनी ने पहले ही ओडिशा में छह हजार करोड़ रुपए का निवेश किया है। उन्होंने कहा “ रिलायंस जियो कंपनी के लिए एक और कारोबार नहीं है बल्कि इसका उद्देश्य देश और ओडिशा में बदलाव लाना है।” राज्य में सरकार लगातार रोजगार के अवसर पैदा करने की दिशा में काम कर रही है और 30 हजार से अधिक लोगों के लिये रोजगार के नये अवसर मुहैया कराये गए हैं।
उन्होंने विश्वास जताया कि देश 135 के निचले स्तर से उठकर विश्व के तीन प्रमुख फिक्सड ब्रांडबैंड देशों में शामिल होगा । डिजिटल कारोबार पर कंपनी के ध्यान केंद्रित करने के पीछे बड़ी वजह बताते हुए अंबानी ने कहा कि अब विश्व में बैंक . कार . संगीत . हो या शिक्षा सब डिजिटल होता जा रहा है। डिजिटल से बदलाव हर क्षेत्र में नजर आ रहा है और इसे कनेक्टविटी और प्रौद्योगिकी के जरिये हासिल किया जायेगा। रिलायंस जियो पिछले आठ माह के दौरान ओडिशा में 43 हजार गांवों को जोड़ चुका है। कई लाख लोगों ने कम कीमत वाले स्मार्टफोन लिए हैं जिन गांवों में यह पहुंचा है वहां के रहने वालों का “ न केवल यह पहला फोन है बल्कि पहला रेडियो और संगीत प्लेयर. पहला टीवी और पहला कैमरा है और उनके जीवन में पहली बार इंटरनेट पहुंचा है और इस सबके लिए उन्हें केवल 100 रुपए चुकाने पड़ते हैं।”
अंबानी ने कहा कि कारोबार में निवेश के अलावा रिलायंस फांउडेशन राज्य में ओडिशा हाई परफारमेंस एथलेटिक्स सेंटर में भागीदार होगा । इस केंद्र में स्थानीय प्रतिभा को विश्व के जाने माने खेल विशेषज्ञ प्रशिक्षण देकर उन्हें ओलंपिक के लिए तैयार करेंगे जिससे कि वह कल के ओलंपिक पदक विजेता बन सकें।