जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव में सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी ने इस बार केवल एक मुस्लिम उम्मीदवार परिवहन मंत्री यूनुस खान को चुनाव मैदान में उतारा हैं जबकि कांग्रेस ने पन्द्रह मुस्लिम प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने का मौका दिया है।
भाजपा ने खान को टोंक से अपना प्रत्याशी बनाया हैं जो इस बार दो सौ विधानसभा सीटों में एक मात्र मुस्लिम उम्मीदवार हैं। उनका मुकाबला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट से होगा। खान ने वर्ष 2003 एवं 2013 में नागौर जिले के डीडवाना विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीता था। वह वर्ष 2008 में डीडवाना से चुनाव हार गए थे।
भाजपा ने वर्ष 2013 के चुनाव में चार मुस्लिमों को चुनाव लड़ने का मौका दिया था। इनमें खान डीडवाना तथा नागौर से हबीबुर्रहमान ने चुनाव जीता जबकि धौलपुर से सगीर अहमद तथा मंडावा से सलीम चुनाव हार गए थे। इस बार भाजपा ने हबीबुर्रहमान को फिर मौका नहीं देने से वह नाराज हो गए और वह फिर कांग्रेस में चले गए जहां उन्हें नागौर से कांग्रेस प्रत्याशी बनाया गया हैं।
पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सोलह उम्मीदवारों को मौका दिया गया था लेकिन सभी प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा। जिसमें मंत्री इमामुद्दीन अहमद खान (दुरुमियां), अमीन खान तथा अन्य वरिष्ठ नेता शामिल थे।
इस बार कांग्रेस ने राज्य की कुल दो सौ विधानसभा सीटों में 195 पर अपने उम्मीदवार खड़े किये जबकि पांच सीट गठबंधन के लिए छोड़ दी हैं। इनमें पन्द्रह मुस्लिम उम्मीदवारों को मौका दिया गया हैं जिनमें भाजपा छोड़कर आये हबीबुर्रहमान को नागौर से मौका दिया गया हैं। तिजारा से इमामुद्दीन अहमद खान, पुष्कर से नसीम अख्तर, पोकरण से सालेह मोहम्मद, मकराना से जाहिर हुसैन, शिव से अमीन खान को फिर मौका दिया गया हैं।
इसी तरह जयपुर में किशनपोल विधानसभा सीट के लिए पूर्व जयपुर जिला अध्यक्ष सलीम कागजी के बेटे अमीन कागजी को दूसरी बार मौका दिया गया। सवाईमाधोपुर से कांग्रेस नेता अबरार अहमद के पुत्र दानिश अबरार को फिर मौका मिला हैं।
इसके अलावा चूरू से रफीक मंडेलिया, फतेहपुर से हाकम अली, रामगढ़ से साफिया जुबेर खान, कामां से जाहिदा खान, सूरसागर से अयूब खान, आदर्शनगर से रफीक खान तथा लाडपुरा से गुलनाज को अपना प्रत्याशी बनाया हैं।