नार्थ साउंड(एंटीगा), भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने चौतरफा आलोचनाओं के बावजूद बेहतरीन फार्म में खेल रही अनुभवी बल्लेबाज़ मिताली राज को ट्वंटी 20 विश्वकप सेमीफाइनल में बेंच पर बैठाने के अपने फैसले का बचाव किया है।
ग्रुप चरण में जबरदस्त प्रदर्शन और आस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम को हराने वाली भारतीय टीम को इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले में आठ विकेट से करारी हार के साथ विश्वकप से बाहर होना पड़ा है जबकि वह अपनी फार्म की बदाैलत खिताब की दावेदारों में थी। विश्वकप का फाइनल इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया के बीच खेला जाएगा।
भारतीय टीम की हार की बड़ी वजह अच्छी फार्म में खेल रही स्टार बल्लेबाज़ मिताली को अहम मुकाबले से बाहर रखे जाने को माना जा रहा है। हरमनप्रीत को भी अपने इस फैसले के लिये आलोचना का शिकार होना पड़ा है। हालांकि उन्होंने अपने फैसले का बचाव किया है। मैच के बाद उन्होंने यहां सर विवियन रिचर्ड्स स्टेडियम में इसे लेकर कहा,“ जो भी हमने फैसला किया , किया, यह सब टीम के लिये था। कभी यह काम करता है और कभी नहीं। मुझे अपने फैसले का कोई पछतावा नहीं है।”
हरमनप्रीत ने कहा,“ मुझे अपनी टीम पर गर्व है। हमारी खिलाड़ियों ने जिस तरह से पूरे टूर्नामेंट में खेला वह काबिलेतारीफ रहा है। हमारे लिये यह सीखने का मौका था क्योंकि हमारी टीम में युवा खिलाड़ी हैं।”
भारतीय कप्तान ने सेमीफाइनल में टीम के प्रदर्शन को लेकर भी खिलाड़ियों का बचाव किया। उन्होंने कहा,“ कई बार आपको विकेट के हिसाब से अपने खेल में बदलाव करना पड़ता है। इंग्लैंड ने बहुत अच्छी गेंदबाजी की लेकिन फिर भी हमने मैच को 18वें विकेट तक खींचने का प्रयास किया।”
उन्होंने कहा,“ हमारी टीम में युवा और कम अनुभवी खिलाड़ी हैं। हमें अभी भी अपनी मानसिक मजबूती पर काम करना होगा। यदि हम दबाव में अच्छा खेलना जाएंगे तो बड़ा बदलाव कर पाएंगे और सीख पाएंगे कि इस तरह के मैचों में हमें कैसे खेलना है।”
T20 : पेट दर्द से बचने के लिए हरमनप्रीत ने उड़ाए 8 छक्के
हरमनप्रीत ने आईसीसी महिला टी-20 विश्व कप में न्यूजीलैंड के खिलाफ 51 गेंदों में 103 रन बनाए जिसकी बदौलत भारत ने यह मैच 34 रन से जीत लिया। उन्होंने अपनी पारी के दौरान 7 चौके और 8 छक्के लगाए।
हरमनप्रीत इस तरह भारत की पहली और विश्व की 9वीं महिला ख़िलाड़ी बन गयीं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय टी-20 मैच में शतक जमाया। इसके अलावा वह तीसरी महिला क्रिकेटर हैं, जिन्होंने टी-20 वर्ल्ड कप में शतक बनाया है।
हालांकि इस ऐतिहासिक पारी के दौरान वह पेट दर्द से परेशान थीं और रन लेने के लिए भागने के कारण उनका पेट दर्द बढ़ जाता था। उन्होंने इससे बचने का लाजवाब तरीका ढूंढा और लम्बे छक्के-चौके लगाए। इस तरह उनके 103 रन में से 70 रन तो छक्कों और चौकों से बने।
मैच के बाद हरमनप्रीत ने खुलासा किया कि वह पेटदर्द से परेशान थीं और इससे बचने के लिए उन्होंने छक्के और चौके उड़ाने पर भरोसा किया और वह इसमें कामयाब भी रहीं। हरमनप्रीत ने कहा कि मैच की पूर्वसंध्या पर मेरी पीठ में थोड़ी परेशानी थी। शुक्रवार सुबह भी मैं बेहतर नहीं थी। मैं जब मैदान पर आई तब भी स्थिति ठीक नहीं लग रही थी। रन लेने के लिए भागने में यह परेशानी बढ़ रही थी।