सुल्तानपुर, विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने दावा किया है कि काशीप्रांत के एक लाख कार्यकर्ता अयोध्या की धर्मसभा में शिव भेष में शामिल होंगे।
विहिप के काशी प्रांत के अध्यक्ष शुभ नारायन सिंह ने शनिवार को यहां बताया कि अयोध्या की धर्मसभा में काशी प्रान्त से 1322 बस, 1546 चार पहिया वाहन तथा सात हजार मोटरसाइकिल से करीब एक लाख कार्यकर्ता शामिल होंगे जो शिव भेष में होंगे।
श्री सिंह सुल्तानपुर में तैयारियों की समीक्षा के बाद यहां बताया कि संतों के नेतृत्व में विश्व हिंदू परिषद द्वारा 25 नवंबर को अयोध्या में प्रस्तावित धर्मसभा का आयोजन किया गया है, जिसमें काशी प्रांत से एक लाख कार्यकर्ताओं को अयोध्या ले जाने के लिए वाहन की व्यवस्था पूर्ण कर ली गई है। इसके अलावा ट्रेन से भी 15000 कार्यकर्ता अयोध्या पहुंचेंगे। काशी प्रान्त के प्रशासनिक जिले काशी, चन्दौली, सोनभद्र, मीरजापुर, भदोही, प्रयागराज, कौशाम्बी, प्रतापगढ़, अमेठी, सुलतानपुर, जौनपुर और गाजीपुर आदि जिलों से करीब एक लाख कार्यकर्ता अयोध्या पहुंचेंगे। काशी प्रांत के सभी जिलों से कार्यकर्ता अपने जिले की व्यवस्थानुसार झांकी तैयार कर गाजे-बाजे के साथ अयोध्या कूच करेंगे।
उन्होने बताया कि काशी महानगर के चार स्थानों से कार्यकर्ता एकत्रित होकर धर्म सभा में शामिल होने के लिए अयोध्या रवाना होंगे। वहीं काशी महानगर से काफी संख्या में कार्यकर्त्ता हाथ में त्रिशूल शरीर पर भस्म और बाघ अंबर ओढ़े हुए जटा जूट धारी भगवान शिव का रूप धारण कर अयोध्या जाएंगे। सभी कार्यकर्ताओं को बाकायदा प्रवेशिका भी जारी की गई है। अयोध्या में भगवान श्री राम की जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर जल्द बने यह सभी हिंदुओं की आकांक्षा है। न्यायालय द्वारा सुनवाई को टालने से और वर्तमान न्यायाधीश की टिप्पणी से हिंदुओं में जबरदस्त आक्रोश है।
श्री सिंह ने बताया कि आठ अक्टूबर 1984 से विश्व हिंदू परिषद के नेतृत्व में संतों के निर्देश में जो आंदोलन शुरू हुआ वह अब पूर्णता की ओर है। देश विदेश में पूजित श्रीराम शिला आखिर कब तक इंतजार करेंगे। श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या में यह अंतिम धर्म सभा होगी। इसके बाद अब सभा नहीं मंदिर का निर्माण शुरू होगा। धर्मसभा सरकार को बल प्रदान करने विरोधियों को चेतावनी देने और न्यायालय को जन भावनाओं से अवगत कराने के लिए आयोजित की गई है। उन्होंने कहा कि न्यायालय पर हम दबाव तो नहीं बना सकते लेकिन देश के बहुसंख्यक हिंदुओं की भावनाओं से अवगत जरूर करा सकते हैं।