उदयपुर । कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने आयुष्मान योजना पर सवाल करते हुये कहा है कि देश भर में अस्पताल ही नहीं है फिर जनता का इलाज कैसे होगा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में गुणात्मक और ढांचागत सुधार करना होगा।
गांधी आज यहां में बुद्विजीवियों एवं कार्पोरेट से जुडे विभिन्न क्षेत्रों के चार सौ अधिक लोगों के साथ से संवाद करते हुये कहा कि सरकार की आयुष्मान भारत योजना के तहत 50 करोड लोगों के स्वास्थ्य के लिए 20 हजार करोड के प्रावधान के संबंध में किये उन्होंने कहा कि इस योजना के पर्याप्त अस्पताल और चिकित्सक ही नहीं है, स्वास्थ्य के क्षेत्र में ढांचागत विकास को बढाना होगा। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में भी फसल बीमा का ठेका एक ही कम्पनी को देने से किसानों को विकल्प नहीं मिलता हैं।
उन्होंने कहा कि जनता के लिए स्वास्थ्य एवं शिक्षा के लिए जितना प्रावधान बजट में होना चाहिये भाजपा सरकार ने नहीं किया। उन्होंने राजस्थान में पिछली गहलोत सरकार में निशुल्क दवाईयां देने की योजनाएं लागू करने की सराजहना की ।
गांधी ने कहा कि पिछले तीन चार वर्षो में मोदी सरकार ने देश के पन्द्रह बीस उद्योगपतियों का साढे तीन लाख करोड का कर्जा माफ किया हैं। जबकि देश का किसान कर्जे माफी के लिए आंदोलन कर रहा हैं। किसान आत्महत्या कर रहा है लेकिन सरकार सुन नहीं रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने रिलायंस कम्पनी के मालिक अनिल अम्बानी की कम्पनी ने 45 हजार करोड का फायदा उठाया, नीरव मोदी 35 हजार करोड, विजय माल्या दस हजार करोड रुपये लेकर देश से भाग गये।
नोटंबदी घटना को देश का सबसे बडा घोटाला बताते हुये श्री गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपनी केबिनेट को भी विश्वास में नही लिया तथा आनन फानन में नोटबंदी लागू कर दी जिससे किसानों, छोटे व्यापारियों एवं मजदूरों को सबसे अधिक नुकसान हुआ । उन्होंने कहा कि गब्बरसिंह टेक्स ( जीएसटी ) से छोटे एवं मंझले व्यापारियों की रीढ की हड्डी टूट गयी । इससे बडी कम्पनियों एवं उद्योपतियों पर अंदर घूसने का रास्ता खुल गया और सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था पर हावी हो गये।