नयी दिल्ली । भारतीय टीम का विदेशी जमीन पर टेस्ट रिकॉर्ड बेशक शानदार नहीं है लेकिन कप्तान विराट कोहली की अगुवाई में विश्व की नंबर एक टीम इंडिया इस बार आस्ट्रेलिया दौरे में पहली बार टेस्ट सीरीज़ जीतने की प्रबल दावेदार मानी जा रही है।
भारत की दावेदारी को न केवल भारतीय खिलाड़ियों ने बल्कि आस्ट्रेलिया के दूसरे सबसे सफल कप्तान स्टीव वॉ का भी मानना है कि भारत के पास इस बार छह दिसंबर से शुरू होने वाली चार टेस्टों की सीरीज़ में जीत हासिल करने का सुनहरा मौका है।
भारत ने 1947-48 में पहली बार आस्ट्रेलिया का दौरा किया था और पांच टेस्टों की सीरीज़ 0-4 से गंवा दी थी। भारत ने अपने इतिहास में अब तक आस्ट्रेलियाई जमीन पर 11 सीरीज़ खेली हैं लेकिन वह एक बार भी आस्ट्रेलिया में सीरीज़ नहीं जीत सका है। इन 11 टेस्ट सीरीज़ में भारत ने तीन सीरीज़ ड्राॅ खेली हैं।
टीम इंडिया ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ कुल 94 टेस्ट खेले हैं जिनमें से उसने 26 जीते हैं, 41 हारे हैं, एक टाई रहा है और 26 ड्रॉ खेले हैं। भारत ने आस्ट्रेलियाई जमीन पर 44 टेस्ट खेले हैं जिनमें से उसने पांच जीते हैं 28 हारे हैं और 10 ड्रॉ खेले हैं। इसी तथ्य से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि भारतीय टीम को आस्ट्रेलियाई जमीन पर कितना संघर्ष करना पड़ा है।
आस्ट्रेलियाई टीम में कप्तान स्टीवन स्मिथ, ओपनर डेविड वार्नर और बल्लेबाज़ कैमरन बेनक्रॉफ्ट नहीं हैं जो बॉल टेम्परिंग प्रकरण के चलते प्रतिबंधित हैं। यह माना जा रहा है कि इन तीन खिलाड़ियों खासतौर पर स्मिथ और वार्नर की गैर मौजूदगी में आस्ट्रेलियाई टीम कमजोर पड़ जाएगी। लेकिन आस्ट्रेलियाई खिलाड़ी हमेशा अपनी जमीन पर मजबूत माने जाते हैं।
वर्ष 1980 के आसपास कैरी पैकर सीरीज़ के चलते जब कई दिग्गज आस्ट्रेलियाई खिलाड़ी टीम से बाहर थे तब भारतीय टीम ने आस्ट्रेलिया का दौरा किया था। उस समय माना जा रहा था कि भारतीय टीम कमजोर पड़ी आस्ट्रेलियाई टीम से सीरीज़ जीत लेगी लेकिन तीन मैचों की वह सीरीज़ 1-1 की बराबरी पर छूटी थी।
विराट की टीम को पहले से काफी भाव दिया जा रहा है और कई बार यह आस्ट्रेलियाई रणनीति का भी हिस्सा होता है कि विदेशी टीम को पहले से प्रबल दावेदार माना जाए ताकि वह अति आत्मविश्वास में गलतियां करने लगे। विराट एंड कंपनी को इस बात से सतर्क रहना होगा।
भारत ने 1947-48 में आस्ट्रेलिया में अपनी पहली सीरीज़ 0-4 से गंवायी थी। भारत ने इसके बाद 1967-68 में आस्ट्रेलिया का दौरा किया और चार मैचों की सीरीज़ 0-4 से गंवा दी। वर्ष 1977-78 की सीरीज़ सबसे अधिक रोमांचक रही थी जिसे आस्ट्रेलिया ने 3-2 से जीता था। 1980-81 की तीन मैचों की सीरीज़ 1-1 से ड्रॉ रही। 1985-86 में तीन मैचों की सीरीज़ में सभी टेस्ट ड्रॉ रहे जबकि 1991-92 में भारत ने पांच मैचों की सीरीज़ 0-4 से गंवायी।
वर्ष 1999-2000 में भारत ने तीन मैचों की सीरीज़ 0-3 से गंवायी लेकिन 2003-04 में चार मैचों की सीरीज़ 1-1 से ड्रॉ खेली। इसके बाद भारत ने 2007-08 में चार मैचों की सीरीज़ 1-2 से, 2011-12 में चार मैचों की सीरीज़ 0-4 से और 2014-15 में चार मैचों की आखिरी सीरीज़ 0-2 से गंवायी।
मौजूदा कप्तान विराट इस समय भारत के दूसरे सबसे सफल कप्तान हैं। वह अपनी कप्तानी में 42 मैचों में 24 मैैच जीत चुके हैं। यदि वह इस दौरे के सभी चार मैच जीतने में कामयाब होते हैं तो वह महेंद्र सिंह धोनी(27 जीत) को पीछे छोड़कर देश के सबसे सफल कप्तान बन जाएंगे।
इस सीरीज़ में भारत की बादशाहत दाव पर रहेगी। भारत इस समय 116 अंकों के साथ टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष पर बना हुआ है हालांकि उसने अपनी पिछली दो विदेशी सीरीज दक्षिण अफ्रीका से 1-2 से और इंग्लैंड से 1-4 से गंवाई थी और अब उसे ऑस्ट्रेलिया से चार टेस्टों की सीरीज में भिड़ना है। इसी दौरान पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका के बीच तीन टेस्टों की सीरीज होनी है।
इन दो महत्वपूर्ण सीरीज में शीर्ष का ताज इधर-उधर हो सकता है। यदि ऑस्ट्रेलिया टीम इंडिया के खिलाफ सभी चार टेस्ट जीत लेता है और दक्षिण अफ्रीका पाकिस्तान को 3-0 से हरा देता है तो दक्षिण अफ्रीका टेस्ट रैंकिंग में नयी नंबर एक टीम बन जाएगा। वह ऑस्ट्रेलिया से मामूली अंतर से आगे निकल जाएगा।
इस स्थिति में इंग्लैंड और भारत के एक बराबर 108 अंक होंगे और दशमलव के बाद की गणना में इंग्लैंड रैंकिंग में भारत से ऊपर रहेगा। ऑस्ट्रेलिया भी रैंकिंग में नंबर एक बन सकता है लेकिन ऐसा करने के लिए टिम पेन की टीम को भारत के खिलाफ 4-0 की क्लीन स्वीप करनी होगी और उम्मीद करनी होगी कि पाकिस्तान अपनी सीरीज दक्षिण अफ्रीका से या तो ड्रा कराये या फिर कम से कम एक टेस्ट जीते।
यदि ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका क्रमशः 4-0 और 2-1 से जीतते हैं तो ऑस्ट्रेलिया 110 अंकों के साथ शीर्ष पर होगा और दक्षिण अफ्रीका 108 अंकों के साथ चौथे स्थान पर होगा। यदि भारत और पाकिस्तान सीरीज में ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका को क्रमशः 4-0 और 3-0 से हरा देते हैं तो भारत के 120 अंक हो जाएंगे और नंबर एक स्थान पर उसकी स्थिति बेहद मजबूत हो जायेगी।