इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पहली बार स्वीकार किया कि 2008 के मुंबई हमले को पाकिस्तानी आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा ने अंजाम दिया था। खान ने ‘वाशिंगटन पोस्ट’ को दिए एक साक्षात्कार में यह स्वीकारोक्ति की।
प्रधानमंत्री बनने के बाद खान का किसी विदेशी मीडिया को दिया गया यह पहला साक्षात्कार है। उन्होंने कहा कि मैंने अपनी सरकार से मामले की स्थिति का पता लगाने के लिए कहा है। इस मामले को सुलझाया जाना हमारे हित में है, क्योंकि यह आतंकवाद का मामला है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार भारत के साथ तल्ख संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में प्रयासरत है।
खान ने कहा कि उनकी इच्छा है कि पाकिस्तान के अमरीका के साथ भी वैसे ही संबंंध हो, जैसे चीन के साथ हैं, लेकिन वह कोई ऐसा संबंध नहीं रखना चाहते जहां पाकिस्तान को एक किराये की बंदूक की तरह समझा जाए। उन्होंने कहा कि मैं कभी ऐसा संबंध कायम नहीं रखना चाहूंगा जिसमें पाकिस्तान को एक किराये की बंदूक की तरह इस्तेमाल किया जाए, हमें पैसे देकर किसी और की लड़ाई लड़ने के लिए कहा जाए।
यह पूछेे जाने पर कि वह अमरीका के साथ कैसा संबंध कायम रखने के पक्षधर हैं, उन्होंने कहा कि उदाहरण के लिए चीन के साथ हमारे संबंध एक-आयामी नहीं है, बल्कि यह दो देशों के बीच एक व्यापारिक संबंध है। हम अमरीका के साथ ऐसे ही संबंध चाहते हैं। खान ने अपने अमरीका विरोधी होने संबंधी धारणा को खारिज करते हुए कहा कि अमरीकी नीतियों के प्रति असहमति उन्हें अमरीका विरोधी नहीं ठहरा सकती।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने आतंकवादियों के लिए पाकिस्तान में सुरक्षित ठिकाना होने संबंधी अमरीका के आरोपों को भी खारिज किया। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों ने उन्हें इस तथ्य से अवगत कराया है तथा अमरीका सेे समय-समय पर बात किए जाने की जानकारी दी है। उन्होंने अफगानिस्तान में शांति को पाकिस्तान के हित में बताया और कहा कि उनका देश तालिबान को वार्ता की मेज पर लाने के लिए दबाव बनाने का प्रयास करेगा।