सूरत। हार्दिक पटेल के करीबी सहयोगी अल्पेश कथिरिया की तीन माह के बाद हो रही रिहाई के मौके पर उनके संगठन पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति की ओर से कल यहां होने वाले रोड शो को पुलिस ने इजाजत तो दे दी है पर इसे उच्च सुरक्षा वाले लाजपुर सेंट्रल जेल के पास से शुरू करने की अनुमति नहीं दी गयी है।
दूसरी और पास पहले से तयशुदा कार्यक्रम के अनुसार ही इसे जेल के पास से शुरू करने पर अड़ा हुआ है। सूरत के पुलिस कमिश्नर सतीश शर्मा ने आज यूएनआई को बताया कि इस यात्रा को जेल की बजाय उधना तीन दरवाजे से शुरू करने की अनुमति दी गई है।
उधर, पास के नेता धार्मिक मालविया ने कहा कि शर्मा और अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ हुई मुलाकात में उनसे यात्रा को जेल से करीब सात-आठ किमी दूर उधना तीन दरवाजा से शुरू करने को मौखिक रूप से कहा गया है पर अंतिम समय में यात्रा मार्ग में फेरबदल संभव नहीं है।
पास ने अपने 300 स्वयंसेवकों के जरिये यातायात व्यवस्था सुचारू रखने में पुलिस की मदद करने की भी पेशकश की है। जेल से निकल कर मोटा वाराछा तक 25 किमी का रोड शो पूरी तरह शांतिपूर्ण ढंग से होगा। पहले भी जेल के पास से जुलूस निकले हैं। पूर्व में हार्दिक की रिहाई के मौके पर भी ऐसा किया गया था।
जेल और उधना तीन दरवाजा के बीच सचिन का रास्ता है जहां बड़ी संख्या में पाटीदार समुदाय के लोग हैं। यात्रा मार्ग बदलने पर वह अल्पेश का स्वागत नहीं कर पाएंगे। उन्होंने बताया कि पिछले दो दिनाें से इस यात्रा की तैयारियों के सिलसिले में सूरत में ही मौजूद हार्दिक और पास के अन्य नेता भी इसमें शिरकत करेंगे।
ज्ञातव्य है कि अल्पेश को राजद्रोह के पहले मामले 19 अगस्त को अहमदाबाद से पकड़ा गया था। उन्हें गुजरात हाई कोर्ट ने 20 नवंबर को जमानत दी थी पर इसके पहले ही उन्हें राजद्रोह तथा हत्या के प्रयास से जुड़े दो अन्य मामलों में भी सूरत पुलिस के हवाले कर दिया गया था। इन मामलों में भी उन्हें हाल में जमानत मिली है। वह करीब साढ़े तीन माह बाद कल जेल से बाहर निकलेंगे।
पास ने उनके साथ निकलने वाली संकल्प यात्रा के तहत कल दिन भर यहां रोड शो के बाद परसों पाटीदार समुदाय के प्रमुख मंदिर राजकोट के कागवड़ स्थित खोडलधाम और उसके एक दिन बाद उत्तर गुजरात में महेसाणा के ऊंझा में उमियाधाम का दौरा करने का कार्यक्रम घोषित किया है।