पेरिस। फ्रांस में चल रहे पीला जैकेट (येलो वेस्ट) प्रदर्शन के तहत पुलिस ने शनिवार को 1723 को पड़का जिनमें 1220 लोगों को हिरासत में लिया।
स्थानीय मीडिया ने गृह मंत्रालय के हवाले से बताया कि तेल की कीमतों में वृद्धि तथा अन्य मांगों को लेकर लगातार चौथे सप्ताहांत शनिवार को पेरिस समेत विभिन्न स्थानों पर हुए प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने 1723 लोगों को पकड़ा जिनमें से 1220 लोगों को हिरासत में ले लिया। राजधानी पेरिस से ही 1082 लोगों को पकड़ा गया।
फ्रांस के गृह मंत्री क्रिस्टोफर कास्टनर ने कहा कि राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन में सवा लाख लोगों ने भाग लिया। फ्रांस में मौजूदा आंदोलन और लोगों का विरोध तेल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि, आय का नहीं बढ़ना, बेरोज़गारी, शिक्षा नीति तथा कड़े श्रम क़ानून हैं। पिछले कुछ दिनों में इन्हीं मुद्दों को लेकर देश की जनता सड़कों पर उतरती रही है। तीन सप्ताह पहले शुरु प्रदर्शन की अगुवाई करने वालों को ‘येलो वेस्ट’ कहा जाता है।
दरअसल फ़्रांस के लोग सबसे ज़्यादा डीज़ल से चलने वाली गाड़ियों का इस्तेमाल करते हैं। डीज़ल की कीमत पिछले साल की तुलना में 23 फ़ीसदी तक बढ़ चुकी है। सरकार ने जब एक बार फिर डीजल पर 7.6 फ़ीसदी और पेट्रोल पर 3.9 फ़ीसदी टैक्स बढ़ा दिया तब लोगों में इसे लेकर ग़ुस्सा फूट पड़ा और सड़कों पर उतर आए।
लोगों में ईंधन की क़ीमतों की बढ़ोतरी के ख़िलाफ़ रोष को देखते हुए मैक्राॅन सरकार और प्रधानमंत्री एडुवर्ड फिलीप ने ईंधन टैक्स को छह महीने के लिए स्थगित करने की गत मंगलवार को घोषणा कर दी।
विरोध प्रदर्शन अपने दूसरे हफ़्ते से बड़ा रूप लेने लगा और गत 17 नवंबर को क़रीब तीन लाख लोग सड़कों पर उतर आए थे। इसी महीने की पहली तारीख़ को भी क़रीब डेढ़ लाख लोगों ने प्रर्दशन किए और इस दौरान हिंसा की कई घटनाएं हुई थीं।
प्रदर्शन के दौरान पेरिस की सड़कों पर हिंसा के बाद सैकड़ों लोगों को गिरफ़्तार किया गया जबकि पुलिस के साथ झड़पों में बड़ी संख्या में लोग घायल हुए थे। पुलिस ने इस दौरान आंदोलनकारियों के विरुद्ध आंसू गैस और रबर बुलैट का भी जमकर इस्तेमाल किया।
फ्रांस के बड़े श्रमिक तबके और निम्म मध्यम-वर्गीय लोगों का कहना है कि उनके लिए जीना मुश्किल हो रहा है। यही वजह है कि प्रर्दशनकारी ‘हमें जीने दो’ के नारे लगा रहे हैं।