जयपुर। राजस्थान की पन्द्रहवीं विधानसभा चुनाव के करीब डेढ़ महीने पहले बनी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने अपने पहले चुनाव में ही तीन सीटें जीतने में कामयाब रही।
राज्य में तीसरा विकल्प की तलाश में रालोपा बनाने वाले हनुमान बेनीवाल ने इस बार चुनाव में कुल 58 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे, जहां वह खुद नागौर जिले की खींवसर से अपनी सीट को बचाने में कामयाब रहे वहीं जिले की मेड़ता सीट पर उनकी प्रत्याशी इन्द्रा देवी ने निर्दलीय लक्ष्मण राम को 12 हजार 835 मतों तथा जोधपुर के भाेपालगढ़ (सुरक्षित) में रालोपा उम्मीदवार पुखराज चुनाव जीतने में सफल रहे।
पुखराज ने कांग्रेस के भंवर बलाई को करीब पांच हजार मतों से हराया जबकि भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी राज्य मंत्री कमसा मेघवाल तीसरे स्थान पर रही।
बेनीवाल ने चुनाव से पहले भाजपा एवं कांग्रेस दोनों प्रमुख दलों की खिलाफत करते हुए प्रदेश में तीसरा विकल्प के प्रयास किए लेकिन वह सफल नहीं हुए और उन्होंने गत 28 अक्टूबर को जयपुर में एक बड़ी रैली का आयोजन कर रालोपा की घोषणा की।
इससे पहले उन्होंने प्रदेश में नागौर, बीकानेर, सीकर सहित चार स्थानों पर बड़ी रैलियां कर लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा था। बेनीवाल ने वर्ष 2008 में भाजपा के टिकट पर खींवसर से चुनाव जीता लेकिन बाद में भाजपा छोड़ दी और अगला चुनाव 2013 में निर्दलीय के रुप में जीता था।
इस तरह डूंगरपुर जिले में आदिवासी नेता महेश भाई वसावा की भारतीय आदिवासी पार्टी (बीटीपी) के भी दो उम्मीदवार चुनाव जीतने में सफल रहे। जिले के चौरासी (सुरक्षित) विधानसभा क्षेत्र में राजकुमार रावत ने भाजपा प्रत्याशी एवं राज्य मंत्री सुशील कटारा को पांच हजार से अधिक मतों हराया।
इसी तरह जिले की सागवाड़ा (सुरक्षित) से बीटीपी प्रत्याशी रामप्रसाद ने भाजपा के शंकर लाल को 4582 मतों से चुनाव हराया।