अजमेर। राजस्थान अजमेर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा चुनाव में हारे कांग्रेस प्रत्याशी हेमंत भाटी एवं उनके भाई पूर्व मंत्री ललित भाटी के पारिवारिक विवाद के गहराने से उनके राजनीतिक प्रभुत्व पर असर पड़ने की संभावना हैं।
हाल में अदालत ने उनके पारिवारिक मामले में यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए हैं और श्री हेमंत भाटी के भाई पूर्व मंत्री ललित भाटी एवं बहनों की याचिका पर संपत्ति अंतरण एवं बेचान पर रोक लगा दी गई है। उच्च न्यायालय पहले ही एक वर्ष में इस प्रकरण के निस्तारण के आदेश दे चुका है।
पीठासीन न्यायालय द्वारा लगाई गई रोक से हेमंत भाटी सहित उनके भाई प्रवीण भाटी एवं अमित भाटी की मुश्किलें भी बढ़ती दिखाई दे रही है। संपत्ति विवाद में हेमंत भाटी के भाई एवं वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस महासचिव बनाए गए ललित भाटी तथा बहनों मोहिनी, रतिका, मीना, पार्वती, सिम्मी ने अजमेर के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संख्या दो की अदालत में दो अलग अलग मामलें प्रस्तुत कर हेमंत भाटी के पिता स्वर्गीय शंकर सिंह भाटी एवं माता बरजी देवी द्वारा की गई वसीयत को चुनौती देते हुए याचिका प्रस्तुत की थी।
मामले में पारिवारिक विवाद के चलते हेमंत भाटी के वर्तमान निवास कृष्णा आशीष, नानकी भवन, देहरादून स्थित होटल कृष्णा पैलेस, अतिथि गार्डन, वैशाली नगर स्थित भाटी स्टेट टावर, गगवाना पुष्कर श्रीनगर स्थित कृषि एवं पौलट्री फार्म सहित शंकर सिंह एण्ड सन्स की तमाम औद्योगिक एवं व्यवसायिक संपत्तियों तथा अन्य संपत्तियों पर यथास्थिति के आदेश जारी किए गए है।
अजमेर के बीड़ी उद्योग से जुड़े ख्यातिनाम शंकर सिंह भाटी परिवार की इस संपत्ति विवाद का असर पूर्व मंत्री ललित भाटी एवं छोटे भाई हेमंत भाटी के राजनीतिक प्रभुत्व पर भी पड़ने की संभावना हैं।
हेमंत भाटी हाल में विधानसभा चुनाव में भाजपा की अनिता भदेल से 5700 वोटों से चुनाव हार गए थे। अजमेर दक्षिण में दखल रखने वालेे इन भाटी बंधुओं की क्षेत्र के मतदाताओं पर खासी पकड़ बताई जा रही है।