अमेठी। उत्तर प्रदेश मेंं अमेठी के मुंशीगंज स्थित संजय गांधी अस्पताल से मिले दर्द को अर्पित शंकर शुक्ला ने कांग्रेस अध्यक्ष एवं अमेठी सांसद राहुल गांधी को अपने खून से पत्र लिखकर भेजा है।
सूत्रों के अनुसार अमेठी के आवास विकास कालोनी निवासी अर्पित शंकर ने गांधी को खून से लिखे पत्र में कहा कि बड़े दुःख के साथ सूचित करना पड़ा है कि आप के संसदीय क्षेत्र का संजय गांधी अस्पताल धन उगाही एवं डाक्टरों की लापरवाही का अड्डा बन गया है। मैं उसका भुक्त भोगी हूं। मेरे चार दिन के बच्चे की मौत हो गई है। बच्चा तड़पता रहा और मैं देखता रहा, डाक्टर नदारद थे, हालांकि अस्पताल प्रशासन ने आरोप को निराधार बताया है।
गौरतलब है कि अमेठी कोतवाली के आवास विकास कालोनी निवासी अर्पित शंकर शुक्ला की पत्नी पूनम शुक्ला ने गत सात दिसम्बर को संजय गांधी अस्पताल में प्रसव के लिए भर्ती कराया था। आरोप है कि डाक्टर पहले सामान्य प्रसव की बात कहते रहे और दूसरे दिन आपरेशन कर दिया। तीसरे दिन अचानक बच्चे की मृत्यु हो गई।
बताया गया कि डाक्टरों से रोज पूछा बच्चे को किसी प्रकार की कोई दिक्कत तो नहीं तो प्रशासन से लेकर डाक्टर यही कहते रहे किसी प्रकार की कोई तकलीफ नहीं है। समय रहते अगर उसे बता देते तो रेफर करा लेता। शुक्ला का आरोप है कि डाक्ट्ररो ने इसलिए आपरेशन किया ताकि अवैध धन अर्जित कर सकें। भुक्त भोगी ने 50-55 हजार रुपए दिए जाने की बात कही है।
इस बीच इस पूरे मामले पर जब संजय गांधी हास्पिटल के महाप्रबंधक अवधेश शर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि 55 हजार रुपए के बिल की बात ग़लत है। अस्पताल में पूनम शुक्ला आठ दिसम्बर को भर्ती दिखाई और और 10 दिसम्बर को उसे डिस्चार्ज कर दिया गया। बच्चे की मौत पर उनका कहना था कि बच्चा स्वास्थ्य था, मां द्वारा फीडिंग कराते समय प्राब्लम हुई।
वैसे चार्ज के मामले में मैनेजर ने जो कहा बिल भी वही शो कर रहा। लेकिन एडमिट और डिस्चार्ज के मसले पर वो अपने बयान में फंस गए। हास्पिटल की ओर से जारी डिस्चार्ज पेपर में पूनम को भर्ती करने की तारीख सात दिसम्बर और डिस्चार्ज की तारीख 15 दिसम्बर दर्शाई गई है।