अजमेर। राजस्थान के अजमेर स्थित ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह से हिन्दुस्तान की जन्नत कहलाए जाने वाले कश्मीर में मोहब्बत, भाईचारे एवं अमन चैन का पैगाम को लेकर एक चादर चरारे शरीफ के लिए रवाना की गई।
दरगाह कमेटी, दोनों अंजुमनों तथा खादिमों की नुमाइंदगी में आज एक चादर गरीब नवाज की बारगाह में जलसा आयोजित कर पेश की गई। ये चादर आज दरगाह कमेटी के सदर अमीन पठान की अगुवाई में रवाना हुई जो कल सुबह दिल्ली पहुंचेगी और शाम को दिल्ली के इंडिया गेट पर अल्पसंख्यक मामलातों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी इसे प्राप्त करेंगे और आगे कश्मीर के लिए रवाना करेंगे।
यह चादर कश्मीर स्थित हजरत नुरुद्दीन नूरानी की दरगाह शरीफ में 23 दिसंबर को जौहर के वक्त पेश की जाएगी। अजमेर से कश्मीर तक पहुंचने वाली अमनो अमान की इस चादर के शिष्टमंडल में अनेक लोग शामिल होंगे।
अजमेर दरगाह शरीफ से जारी ‘सूफी संदेश अमन यात्रा’ की पहल अजमेर दरगाह कमेटी की ओर से की गई जो चरारे शरीफ में चादर पेश कर कश्मीर घाटी में अमन का पैगाम पेश करते हुए वहां चादर मुबारक पेश की जाएगी। जिसका मकसद कश्मीर में अमन व शांति बाहल कर खून भरे कत्लेआम को रोकना है और घाटी में भाईचारा, अमन चैन, खुशहाली का संदेश ख्वाजा गरीब नवाज के दरबार से कश्मीर तक पहुंचाना है।
कश्मीर के लिए ख्वाजा गरीब नवाज की बारगाह में चादर पेश करने से पहले दरगाह स्थित महफिलखाने पर एक जलसे का आयोजन किया गया जिसमें दरगाह कमेटी के सदर अमीन पठान, अंजुमन सैय्यद जादगान के सदर मोईन सरकार, सचिव वाहिद हुसैन अंगारा तथा अंजुमन यादगार के सदर अब्दुल जरार चिश्ती व सचिव सैय्यद अब्दुल माजिद चिश्ती ने कश्मीर के चरारे शरीफ स्थित 600 वर्ष पुरानी हजरत नुरूद्दीन नूरानी की जीवनी पर प्रकाश डाला और कहा कि कश्मीरी भाषा में सबसे पहले कुरान शरीफ का तजुर्मा आप ही ने किया था जो वहां की वादियों में एक बड़ा काम है।