मेलबोर्न। आम तौर पर मुम्बईकर एक दूसरे के खिलाफ कुछ बोलते नहीं हैं लेकिन पर्थ टेस्ट की हार के बाद पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर की आलोचना के बाद लगता है कि भारतीय कोच रवि शास्त्री के सब्र का बांध टूट गया है और उन्होंने गावस्कर का नाम लिए बिना उन पर निशाना साध दिया है।
शास्त्री और गावस्कर दोनों ही मुंबई के हैं और संभवतः यह पहली बार है ये दो मंबईकर आलोचना के कारण आमने-सामने आ गए हैं। पर्थ टेस्ट की हार के बाद गावस्कर ने कड़े शब्दों में कप्तान विराट कोहली और मुख्य कोच रवि शास्त्री समेत सपोर्टिंग स्टाफ की भूमिका को लेकर विवादास्पद बयान में कहा था कि अगर टीम इंडिया यह सीरीज अपने नाम नहीं करती है तो कोच और कप्तान पर सवाल उठना लाजमी है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच जारी चार टेस्ट मैचों की सीरीज 1-1 से बराबर है।
गावस्कर की इस आलोचना से भन्नाये शास्त्री ने रविवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हजारों-लाखों मील दूर से आलोचना करना सबसे आसान काम होता है। हमें टीम के लिए जो ठीक है, वही करना है। वे काफी दूर बैठकर टिप्पणी कर रहे हैं जबकि हम ऑस्ट्रेलिया में हैं।
कोच ने आलोचनाओं को सिरे से खारिज करते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि उन्हें ये टिप्पणियां पसंद नहीं आईं। शास्त्री के इस तल्खी भरे रवैये से यह तो तय हो गया है कि यह मामला अभी थमेगा नहीं और तीसरे टेस्ट में शानदार प्रदर्शन ही शास्त्री को आलोचनाओं से बचा पाएगा।