अजमेर। तिब्बत बचाओ यात्रा का अजमेर पहुंचने पर भारत तिब्बत सहयोग मंच अजमेर की ओर से जोरदार स्वागत किया गया। यह यात्रा रविवार रात अलवर से अजमेर पहुंची थी। सोमवार शाम को यात्रा अजमेर से उदयपुर के लिए रवाना हुई।
यात्रा कचहरी रोड के पास लगे अस्थाई ल्हासा तिब्बत मार्केट परिसर पहुंची, यहां सभी सदस्यों की भावभीनी अगवानी की गई। इस मौके पर यात्रा प्रमुख तिब्बत वूमेन महिला एसोसिएशन की उपाध्यक्ष केलयंग यूडोन ने तिब्बत बचाओ अभियान में सहयोग करने का आह्वान किया।
प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने बताया कि चीन की दादागिरी के चलते तिब्बत में तिब्बतियों के मानवाधिकारों का हनन हो रहा है, तिब्बतियों को बोलने और धर्म पालन का अधिकार भी नहीं है। कोई भी तिब्बतियों के अधिकारों की बात करता है उसे जेल में बंद कर दिया जाता है। पिछले 68 साल के दौरान 12 लाख तिब्बतियों की हत्या हो चुकी है।
उन्होंने चीन से 11वें पंचेन लामा की रिहाई की मांग की तथा तिब्बत की रक्षा के लिए पर्यावरण संरक्षण का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि विश्व मानव अधिकार दिवस पर 10 दिसंबर को यह यात्रा दिल्ली से शुरु होकर राजस्थान के गंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर जोधपुर, अलवर होती हुई अजमेर पहुंची है तथा अब उदयपुर से होकर गुजरात राज्य में प्रवेश करेगी। जनवरी के आखिर में वापस दिल्ली पहुंचकर यात्रा का समापन होगा।
उन्होंने बताया कि तिब्बती बाजारों में लोगों को तिब्बत के हालातों से अवगत कराया जा रहा है। तिब्बत की आजादी के लिए सहयोग मांगा जा रहा है। यात्रा में उनके अलावा एसोसिएशन की अकाउंटेंट टूपेन लामो भी आई। तिब्बती मार्केट के प्रधान छो ग्यलसंत भी उपस्थित थे।
इससे पहले भारत तिब्बत सहयोग मंच चितौड प्रान्त के महामंत्री अनुपम गोयल ने तिब्बत वूमेन महिला एसोसिएशन की उपाध्यक्ष केलयंग यूडोन का स्वागत किया। मंच के जिला अध्यक्ष कुनाल कटारिया ने बताया कि कार्यक्रम में तिब्बत के अधिकारो व सुरक्षा को लेकर प्रकाशित पुस्तिका का विमोचन भी किया गया। इस अवसर पर मंच के उपाध्यक्ष हिमाशु मिंश्रा, अनुज माथुर, अंकुर सोनी आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।