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Shivraj singh Chouhan comments on kamal nath over portfolio-मंत्रियों के बीच विभाग वितरण के मामले में शिवराज ने कसा तंज - Sabguru News
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मंत्रियों के बीच विभाग वितरण के मामले में शिवराज ने कसा तंज

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मंत्रियों के बीच विभाग वितरण के मामले में शिवराज ने कसा तंज

भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार के मंत्रियों के बीच विभाग बटवारे को लेकर हो रहे विलंब के परिप्रेक्ष्य में गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी नेता शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह कांग्रेस की गुटबाजी का नतीजा है और इसलिए मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने मंत्रियों के बीच विभागों का वितरण नहीं कर पा रहे हैं।

चौहान ने शाम को अपने निवास पर संवाददाताओं से चर्चा में कहा कि मंत्रियों के बीच विभागों का वितरण मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है, लेकिन इस पर भी डाका डाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह बेहद चिंता का विषय है।

कमलनाथ के मुख्यमंत्री पद की शपथ के बाद पहले मंत्रियों के नामों को लेकर समय लगा और अब मंत्रियों की शपथ के दो दिन बाद आज शाम तक मंत्रियों के बीच विभागों का वितरण नहीं हो पाया। कांग्रेस के अलग अलग गुट के नेता मुख्यमंत्री पर अपने अपने समर्थक मंत्रियों को अपनी पसंद का विभाग दिलवाने का दबाव डाल रहे हैं। यह ठीक नहीं है।

चौहान ने कहा कि नई सरकार को उन्होंने पहले ही बेहतर ढंग से कार्य करने के लिए शुभकामनाएं दी हैं और वे चाहते हैं कि सरकार जनहित में कार्य करे, लेकिन मंत्रिमंडल के गठन और फिर विभाग वितरण को लेकर जिस तरह से कांग्रेस की गुटबाजी सामने आई, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार की क्या स्थिति है। वे चाहते हैं कि सरकार तेजी से जनहित में कार्य करे और कांग्रेस ने जो भी वादे अपने वचनपत्र में किए हैं, उन्हें पूरा किया जाए।

मीसाबंदियों की पेंशन बंद किए जाने संबंधी कथित खबराें के बारे में श्री चौहान ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सरकार राजनीतिक विद्वेष की भावना से कोई कार्रवाई नहीं करेगी। मीसाबंदी 19 माह तक जेल में रहे थे। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार को किसानों के ऋण माफ करने के संबंध में कोई शर्त नहीं लगानी चाहिए और नवंबर 2018 की स्थिति में ऋण माफ करने चाहिए।

विधानसभा में विपक्ष के नेता के चयन संबंधी सवाल के जवाब में चौहान ने कहा कि यह कोई बहुत बड़ा मुद्दा नहीं है। भाजपा शीघ्र ही समय आने पर इस पर भी निर्णय लेगी। क्या भाजपा विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए कोई प्रत्याशी मैदान में उतारेगी, के जवाब में चौहान ने कहा कि इस मसले को लेकर भाजपा ने अभी कुछ भी विचार नहीं किया है।

कमलनाथ ने 17 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही प्रशासनिक और अन्य कार्य तेजी से प्रारंभ कर दिए हैं। उन्होंने कांग्रेस के वचनपत्र में दिए गए वचनों को पूरा करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश देने के साथ ही प्रशासनिक जमावट भी शुरू कर दी है। उन्होंने मंगलवार को अपने मंत्रिमंडल का गठन करते हुए 28 मंत्रियों को शामिल किया और अब वे मंत्रियाें के बीच विभागों का वितरण भी कर रहे हैं।

वहीं नवगठित पंद्रहवीं विधानसभा का पहला सत्र सात जनवरी से शुरू होकर पांच दिन तक चलेगा। पहले दिन विधायकों की शपथ का कार्य शुरू होगा। संभवत: आठ जनवरी को विधानसभा अध्यक्ष का निर्वाचन भी होगा। कांग्रेस ने वरिष्ठ विधायक एवं पूर्व मंत्री एनपी प्रजापति को अध्यक्ष का प्रत्याशी घोषित कर दिया है।