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Cabinet approval for Gaganyan campaign - गगनयान अभियान को मिली मंत्रिमंडल की मंजूरी - Sabguru News
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गगनयान अभियान को मिली मंत्रिमंडल की मंजूरी

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गगनयान अभियान को मिली मंत्रिमंडल की मंजूरी
Cabinet approval for Gaganyan campaign
Cabinet approval for Gaganyan campaign
Cabinet approval for Gaganyan campaign

नयी दिल्ली । केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अंतरिक्ष में देश के पहले मानव मिशन ‘गगनयान’ को मंजूरी दे दी है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल के आर्थिक मामलों की समिति की गुरुवार रात हुई बैठक में इसकी मंजूरी दी गयी, इसके तहत तीन अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की निचली कक्षा वाले अंतरिक्ष में भेजा जायेगा। पूरे अभियान पर 10 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान है।

केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शुक्रवार को संवाददाताओं को बताया कि वास्तविक मानव मिशन से पहले दो बार बिना मानव के मिशन को अंजाम दिया जायेगा जिनमें प्रक्षेपण यान, मॉड्यूल तथा अन्य सभी उपकरणों सहित पूरी प्रक्रिया वास्तविक मिशन की तरह ही होगी। अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर जाने वाले मॉड्यूल और अन्य सभी उपकरणों को अंतरिक्ष में वांछित कक्षा तक पहुँचाने के लिए जीएसएलवी एम के-3 प्रक्षेपण यान का इस्तेमाल किया जायेगा।

उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष यात्रियों के प्रशिक्षण, फ्लाइट प्रणाली के विकास तथा जमीन पर बुनियादी ढाँचा तैयार करने के लिए जरूरी अवसंरचनायें विकसित की जायेंगी। मिशन को सफल बनाने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) राष्ट्रीय एजेंसियों, प्रयोगशालाओं, शिक्षण संस्थानों और उद्योगों के साथ साझेदारी करेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस साल 15 अगस्त को लाल किले से घोषणा की थी कि वर्ष 2022 तक इसरो देश के पहले मानव मिशन को अंजाम देगा। इसरो इस परियोजना पर वर्ष 2004 से ही काम कर रहा है।

फिलहाल पृथ्वी की निचली कक्षा में ही मानवयान भेजने की योजना है। इस अभियान के दौरान किये गये प्रयोग भविष्य में लंबी दूरी के अभियानों की क्षमता विकसित करने में इसरो के लिए मददगार होंगे। अभी तीनों अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी का एक चक्कर लगाने तक या अधिकतम सात दिन तक अंतरिक्ष में रखने की योजना है। उनके धरती पर वापसी की प्रक्रिया और उसके लिए बनाये गये मॉड्यूल का परीक्षण जारी है।

पहले दो मानव रहित अभियानों में यह सुनिश्चित किया जायेगा की अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने से लेकर उनकी वापसी तक पूरा अभियान सुरक्षित और सफल हो। इस अभियान से एडवांस प्रौद्योगिकी के लिए मानव संसाधन विकसित करने में मदद मिलेगी तथा बड़ी संख्या में रोजगार सृजन भी होगा।