जयपुर । राजस्थान में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को असंयमित बयान देने वाले मंत्रियों पर लगाम लगानी चाहिए ताकि सामाजिक समरसता को चोट नहीं पहुंचे।
राज्य सचिव मंडल ने हाल में महिला बाल विकास राज्य मंत्री ममता भूपेश द्वारा अपनी जाति समाज के लोगों को प्राथमिकता देने तथा अन्य मंत्री द्वारा केवल स्थानीय लोगों को ही रोजगार देने तथा परस्पर विरोधी बयान देने के समाचार-पत्रों में छपे बयानों पर कहा कि इस प्रकार के बयानों से सामाजिक समरसता को चोट पहुंचती है जो सरकार की छवि को किसी फायदे की बजाय नुकसान ही पहुंचता है।
राज्य सचिव मंडल के सदस्य रवीन्द्र शुक्ला ने कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की मजदूर-किसान एवं जनविरोधी नीतियों के चलते ही जनता ने उसे सत्ता से हटाया है और नयी सरकार से जनता को बहुत सारी अपेक्षायें हैं और वह कांग्रेस द्वारा चुनाव प्रचार के दौरान जनता से किये गये वायदों को लागू करने का बेताबी से इंतजार कर रही है। इस प्रकार के असंयमित बयानों से जन अपेक्षाओं को आघात पहुंचता हैं।
उन्होंने कहा कि अलवर में हुई कथित गौरक्षकों द्वारा की गई मोब लिंचिंग की घटना पर सरकार की कोई प्रतिक्रिया नहीं आना असामाजिक तत्वों का हौसला बुलंद करती है। सरकार की तरफ से स्पष्ट संदेश जाना चाहिये कि कानून हाथ में लेने वालों से सख्ती से निपटा जायेगा।
उन्होंने कहा कि किसानों के कर्जमाफी की घोषणा पर जिस तरह से सरकार चल रही है। उससे किसानों में निराशा ही पैदा हुयी है। राज्य सचिव मंडल ने राज्य सरकार से मांग की कि जनता से किये गये वायदों को लागू करने की दिशा में ठोस कदम उठाये जाने चाहिए।