मुंबई। देश को सचिन तेंदुलकर जैसा महान क्रिकेटर देने वाले कोच रमाकांत आचरेकर का बुधवार को मुंबई में निधन हो गया। वह 87 वर्ष के थे।
आचरेकर का जन्म 1932 में हुआ था। उनके निधन से क्रिकेट जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। सचिन ने अपने गुरु के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। आचरेकर को सचिन के करियर को संवारने का श्रेय जाता है।
भारत रत्न सचिन के गुरु आचरेकर को क्रिकेट में उनके बेहतरीन योगदान के लिए वर्ष 1990 में द्रोणाचार्य अवार्ड से सम्मानित किया गया था और उसके बाद वह वर्ष 2010 में पद्मश्री से सम्मानित किए गए थे। वर्ष 2010 में ही उन्हें लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।
सचिन ने कहा कि सर ने मेरे जीवन की आधारशिला रखी और आज मैं जो भी हूं उन्हीं की बदौलत हूं। पिछले महीने ही मैं सर से उनके कुछ शिष्यों के साथ मिला था और उनके साथ समय गुजारा था। हमने पुराने समय को याद करते हुए बेहतरीन समय बिताया था।
आचरेकर सर ने हमें क्रिकेट में हमेशा सीधे खेलने और जीवन में सीधे रहने के आदर्श सिखाए थे। मेरा जीवन बनाने के लिए मैं सदैव आपका ऋणी रहूंगा। बहुत बढ़िया खेले सर और आप जहां भी रहें, आप और शिष्य तैयार करें।
पूर्व भारतीय क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण और मोहम्मद कैफ ने आचरेकर को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि देश उनका क्रिकेट में योगदान कभी भुला नहीं पाएगा क्योंकि उन्होंने देश को सचिन जैसा हीरा दिया।
आचरेकर को अपने सभी शिष्यों में सचिन से खास लगाव था। खुद सचिन ने भी अपने गुरु को न केवल अपनी उपलब्धियों से गौरवान्वित किया बल्कि उन्हें जब भी मौका मिलता था वह अपने गुरु के प्रति अपना स्नेह और आदर प्रकट करने उनके पास जाते रहते थे। आचरेकर के जन्मदिन और टीचर्स डे पर सचिन हमेशा उनके पैर छूकर आशीर्वाद लेते थे।
सचिन जब आचरेकर से क्रिकेट सीख रहे थे तब वह सचिन को अपने स्कूटर पर बिठाकर मुंबई में कई अलग-अलग जगहों पर मैच खेलाने ले जाते थे। सचिन के भाई अजीत तेंदुलकर ने ही शिवाजी पार्क में सचिन को आचरेकर से मिलवाया था। सचिन जब अपने शानदार प्रदर्शन से अपने गुरु को प्रभावित करते थे, तो उन्हें अपने गुरु से ईनाम में वड़ा-पाव मिलता था।
सचिन ने वेस्ट इंडीज के खिलाफ जब अपना 200वां और अंतिम टेस्ट मैच खेला था तब आचरेकर बीमार होने के बावजूद सचिन का मैच देखने गए थे और उन्होंने पूरा मैच देखा था।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने भी आचरेकर के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने न केवल शानदार क्रिकेटर तैयार किए बल्कि उन्हें बेहतरीन इंसान भी बनाया। उनका भारतीय क्रिकेट में अभूतपूर्व योगदान रहा।