तिरुवनंतपुरम। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने गुरुवार को कहा कि 50 वर्ष से कम आयु की दो महिलाओं के भगवान अय्यप्पा मंदिर में प्रवेश के बाद मंदिर को बंद करना उच्चतम न्यायालय के आदेश की अवमानना है।
विजयन ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि बुधवार को मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के बाद उसे बंद करना उच्चतम न्यायालय के 28 सितंबर के आदेश का उल्लंघन है। न्यायालय ने इस आदेश में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश को अनुमति दी थी।
उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने मुख्य तांत्री (मुख्य पुजारी) और त्रावणकोर देवास्वोम बोर्ड (टीडीबी) की ओर से तर्कों को सुनने के बाद फैसला सुनाया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तांत्री काे उच्चतम न्यायालय के फैसलों पर असहमति जताने का अधिकार है लेकिन तांत्री के पद पर आसीन व्यक्ति भी उच्चतम न्यायालय के फैसलों को मानने के लिए बाध्य है। अगर तांत्री उच्चतम न्यायालय के आदेशों का पालन करने में सक्षम नहीं हैं तो यह अच्छा होगा कि वह अपना पद त्याग दें।
उन्होंने कहा कि तांत्री के द्वारा मंदिर को बंद करना टीडीबी नियमावली के भी खिलाफ है। विजयन ने टीडीबी से कानूनी पहलुओं से मामले की जांच करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश को लागू करना सरकार की जिम्मेदारी है।