नयी दिल्ली । लोकसभा में विपक्ष ने राफेल लड़ाकू विमान खरीद मामले में लगे आरोपों पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चुप्पी पर सवाल खड़े करते हुए शुक्रवार को उनसे बयान देने तथा इस मुद्दे पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन की मांग की।
विपक्षी सदस्यों ने कहा कि मोदी हर मुद्दे पर कुछ न कुछ बयान देते हैं, ट्विटर के जरिये अपनी प्रतिक्रिया देते रहते हैं, लेकिन राफेल सौदे में कथित घोटाले को लेकर उन्होंने अभी तक न तो एक शब्द बोला है, न ही कोई ट्वीट किया है। उन्हें सदन में आकर इस मुद्दे पर व्यक्तिगत तौर पर बयान देना चाहिए।
राफेल सौदे पर नियम 193 के अधीन चर्चा को आगे बढ़ाते हुए समाजवादी पार्टी के धर्मेन्द्र यादव ने 2016 में सौदे के दौरान फ्रांस में रक्षा मंत्री और रक्षा सचिव की अनुपस्थिति पर सवाल खड़े किये। उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकार के कार्यकाल में सौदा न किया जाना गलत फैसला तो था, लेकिन मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के दौरान जिस तरह विमान की कीमत बढ़ायी गयी, वह संदेह के घेरे में है।
यादव ने ऑफसेट पार्टनर के तौर पर हिन्दुस्तान एयरनॉटिक लिमिटेड (एचएएल) को करार से अलग करने और एक निजी कंपनी को इसका ठेका दिये जाने को लेकर भी सवाल खड़े किये। उन्होंने मामले की जांच के लिए
तेलंगाना राष्ट्र समिति के ए. पी. जितेन्द्र रेड्डी ने सत्ता पक्ष और मुख्य विपक्षी कांग्रेस पर जनता की समस्याओं की अनदेखी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जेपीसी की रिपोर्ट का क्या हश्र होता है, ये सभी जानते हैं। इसके बावजूद सरकार को राफेल मामले पर जेपीसी गठित कर देनी चाहिए, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाये। राष्ट्रीय जनता दल के जय प्रकाश नारायण यादव ने भी जेपीसी के गठन की मांग की।
कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे ने विमान की कीमतों में उछाल पर सवाल किये। उन्होंने सरकार पर उच्चतम न्यायालय में झूठा हलफनामा देने का आरोप लगाया। उन्होंने इस बात को लेकर भी सवाल किये कि आखिर ऐसी क्या बात है कि कतर और मिस्र को भारत की तुलना में कम दाम पर राफेल विमान बेचे जा रहे हैं। इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के. पी. के. कुन्हालीकुट्टी ने भी ऑफसेट पार्टनर के तौर पर निजी कंपनी को ठेका दिये जाने पर सवाल खड़े किये और जेपीसी के गठन की मांग की। आम आदमी पार्टी के भगवंत मान सिंह ने भी श्री मोदी से इस मामले में जवाब देने को कहा।
भारतीय जनता पार्टी के अनुराग सिंह ठाकुर ने कांग्रेस के राहुल गांधी और सोनिया गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि नेहरू-गांधी परिवार का इतिहास घोटालों का रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार का इतिहास ही घोटालों का रहा है और उसके लिए राष्ट्रीय हित से ज्यादा राजनीतिक फंड जुटाना ज्यादा महत्वपूर्ण रहा है तथा आजादी के बाद का पहला घोटाला ‘जीप खरीद घोटाला’ इसका प्रमाण है।
ठाकुर ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता करने का ही नतीजा था कि देश को चीन के साथ युद्ध में हार का खामियाजा भुगतना पड़ा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के घोटाले का सफर जीप खरीद से शुरू होकर बोफोर्स, पनडुब्बी, अगस्ता वेस्टलैंड, टू-जी स्पेक्ट्रम, कोयला ब्लॉक आवंटन और नेशनल हेराल्ड आयकर चोरी तक पहुंच गया।
उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार अपने 10 साल के कार्यकाल में एक भी लड़ाकू विमान खरीद नहीं सकी, जबकि मौजूदा सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए त्वरित कदम उठाये हैं। उन्होंने कहा कि आखिर 2012 में कौन सी ताकत ने राफेल के साथ सौदा करने से मना कर दिया था। चर्चा में भाजपा के ही निशिकांत दुबे, शिरोमणि अकाली दल के प्रेम सिंह चंदूमाजरा, जनता दल यू. के. कौशलेन्द्र कुमार और रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के एन.के. प्रेमचंद्रन ने भी हिस्सा लिया।