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After H S Phoolka, another Punjab leader Sukhpal Singh Khaira resigns from AAP-आप के बागी नेता सुखपाल खेहरा ने छोड़ी पार्टी - Sabguru News
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आप के बागी नेता सुखपाल खेहरा ने छोड़ी पार्टी

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आप के बागी नेता सुखपाल खेहरा ने छोड़ी पार्टी
Punjab leader Sukhpal Singh Khaira resigns from AAP
Punjab leader Sukhpal Singh Khaira resigns from AAP
Punjab leader Sukhpal Singh Khaira resigns from AAP

चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी के बागी नेता सुखपाल सिंह खेहरा ने आज आखिर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।

पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता रह चुके खेहरा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को लिखे पत्र में पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र की कमी, भाई-भतीजावाद, बाहरी नेताओं का बढ़ता प्रभाव, विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार और नशा तस्करी के संबंध में चुनाव पूर्व बयानों पर मानहानि मुकदमे में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) नेता विक्रम सिंह मजीठिया से केजरीवाल के माफी मांगना आदि कारण बताए हैं।

खेहरा को पिछले साल नवंबर में पार्टी से निलंबित किया गया था। खेहरा ने अपने पत्र में लिखा है कि समाजसेवी अण्णा हजारे के भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन के बाद बनी पार्टी आम आदमी पार्टी अपनी मूल विचारधारा और सिद्धांतों से भटक गई है। उन्होंने कहा कि आप का स्वरूप भी अन्य पारंपारिक केंद्रीकृत राजनीतिक दलों जैसा हो गया है।

उन्होंने कहा कि 2017 में विधानसभा चुनावों में उन्होंने टिकट बंटवारे का विरोध भी किया था जिसका आधार ऐसी सूचनाएं मिलना था कि टिकट बंटवारे में पैसे का लेनदेन, पक्षपात और भाई-भतीजावाद था।

उन्होंने लिखा है कि आपने पंजाबियों के मनोविज्ञान को अपने अति आत्मविश्वास के कारण समझने में विफल रहे। आप केवल अपने सूबेदारों की सुनते रहे जिन्हें आपने पंजाब इकाई को चलाने के लिए नियुक्त किया था और पार्टी के कार्यकर्ताओं की भावनाएं समझने की कोशिश नहीं की।

खेहरा ने मजीठिया से केजरीवाल के माफी मांगने पर कहा कि इस ‘कमजोर‘ माफीनामे ने राजनीति में उनके दोमुंहेपन को उजागर किया। पंजाब पानी के मुद्दे पर केजरीवाल की आलोचना करते हुए खेहरा ने कहा कि इसने उन्हें देश के दूसरे चालाक नेताओं की कतार में ही ला दिया। उन्होंने पार्टी संयोजक पर प्रमुख वादे ‘स्वराज‘ पर भी पीछे हटने और सारी शक्तियां अपने पास रखने का भी आरोप लगाया।

खेहरा ने कहा कि भले केजरीवाल ने सिर्फ खुद संयोजक का पद लिया पर पार्टी को पूरी तरह से अपनी जकड़ में रखा। आप पर कांग्रेस से गठजोड़ के प्रयासों को खेहरा ने राजनीतिक अवसरवाद की मिसाल करापर दिया। उन्होंने केजरीवाल पर तानाशाही का आरोप मढ़ते हुए कहा कि उससे भारतीयों और पंजाबियों के सड़ी-गली व्यवस्था के स्वच्छ विकल्प का सपना टूट गया है।

खेहरा ने कहा कि पार्टी नेतृत्व के तानाशाही रवैये के कारण ही प्रशांत भूषण से लेकर एचएस फूल्का तक कई प्रमुख नेता या तो पार्टी छोड़ चुके हैं या उन्हें निकाल दिया गया है। उन्होंने व्यंग्यात्मक अंदाज में लिखा है कि हालांकि उन्हें और कंवरपाल संधू को पार्टी निलंबित कर इनाम दे चुकी है पर वह प्राथमिक सदस्यता त्याग कर पार्टी से औपचारिक संबंध चाहते हैं।