Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
57th Annual State convention of Rukta (National) begins at MDSU in Ajmer-अजमेर में रुक्टा (राष्ट्रीय) का 57वां वार्षिक प्रदेश अधिवेशन शुरू - Sabguru News
होम Rajasthan Ajmer अजमेर में रुक्टा (राष्ट्रीय) का 57वां वार्षिक प्रदेश अधिवेशन शुरू

अजमेर में रुक्टा (राष्ट्रीय) का 57वां वार्षिक प्रदेश अधिवेशन शुरू

0
अजमेर में रुक्टा (राष्ट्रीय) का 57वां वार्षिक प्रदेश अधिवेशन शुरू
57th Annual State convention of Rukta (National) at MDSU in Ajmer
57th Annual State convention of Rukta (National) at MDSU in Ajmer

अजमेर। राजस्थान विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) का 57वां दो दिवसीय वार्षिक प्रदेश अधिवेशन महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर में रविवार को प्रारम्भ हुआ। अधिवेशन में देशभर से अनेक विश्वविद्यालयों के कुलपति, शिक्षाविद एवं राजस्थान प्रदेशभर के महाविद्यालयों से रुक्टा (राष्ट्रीय) से सम्बद्ध शिक्षकगण भाग ले रहे हैं।

सुबह 11 बजे के सत्र में रुक्टा राष्ट्रीय के संस्थापक अध्यक्ष प्रो. सत्यदेव देराश्री की स्मृति में प्रतिवर्ष आयोजित किए जाने वाले देराश्री स्मृति व्याख्यान में “भारत में उच्चशिक्षा का परिदृश्य: चुनौतियां और भविष्य” विषय पर मुख्यवक्ता के रूप में बोलते हुए राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर के पूर्व कुलपति एवं अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के अध्यक्ष जेपी सिंघल ने शिक्षा में भारतीय चिंतन व दृष्टिकोण को अपनाने पर बल दिया।

57th Annual State convention of Rukta (National) at MDSU in Ajmer

दोपहर 12 बजे उदघाटन सत्र की मुख्य अतिथि पूर्व शिक्षामंत्री एवं राजसमन्द विधायक किरण माहेश्वरी रहीं व अध्यक्षता अजमेर दक्षिण विधायक अनिता भदेल ने की। उदघाटन सत्र में अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के अध्यक्ष एवं पूर्व कुलपति, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर जेपी सिंघल एवं गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय बांसवाड़ा के कुलपति प्रो कैलाश सोडानी विशिष्ट अतिथि रहे।

उदघाटन सत्र में किरण माहेश्वरी ने कहा कि उनके कार्यकाल में कॉलेज शिक्षकों के हित में अभूतपूर्व कार्य पूर्ण हुए। शिक्षकों का पदनाम परिवर्तन, सातवें वेतनमान का लाभ, कॉलेजेज में लगभग 950 नवीन नियुक्तियां, सैकड़ों शिक्षकों के रुके हुए पे बैन्ड4 का लाभ सहित अनेक फैसले लिए गए।

उन्होंने राष्ट्रीय विचार को आधार मानकर शिक्षक हित में संगठन को कार्य करते रहने का आह्वान किया तथा विश्वास दिलाया कि वे शिक्षकों के मुद्दे विधानसभा में पुरजोर तरीके से उठाती रहेंगी। समारोह अध्यक्ष के रूप में बोलते हुए भदेल ने शिक्षकों को निर्भय होकर समाज की उन्नति के लिए कार्य करने का उदबोधन दिया।

रूक्टा (राष्ट्रीय) के महामंत्री डॉ नारायण लाल गुप्ता ने महामंत्री प्रतिवेदन पेश किया। उन्होंने शिक्षक समस्याओं को सुलझाने के लिए सदैव सजग रहने का विश्वास दिलाया एवं उच्चशिक्षा में उच्च मानक स्थापित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि रूक्टा (राष्ट्रीय) सिर्फ एक शिक्षक संगठन नहीं है, बल्कि एक शैक्षिक संगठन है जो शिक्षा व समाज के उन्नयन के लिए कार्य करता है।

रूक्टा (राष्ट्रीय) के अध्यक्ष डॉ दिग्विजयसिंह ने भी संगठन की कार्यसंस्कृति पर प्रकाश डाला और शिक्षक हित में सदैव सन्नद्ध रहने का विश्वास दिलाया। अंत में अधिवेशन के आयोजन संयोजक प्रो बीपी सारस्वत ने आभार जताया।

उदघाटन सत्र में अतिथियों द्वारा “निज भाषा उन्नति अहै” नामक पुस्तिका एवं मातृभाषा के महत्व पर भारतीय महापुरुषों की सूक्तियों एवं चित्रों से सज्जित एक वार्षिक कलेंडर का विमोचन भी किया। इस पुस्तिका में भाषा के महत्व को प्रतिपादित करने वाले शोधपूर्ण आलेख प्रकाशित किए गए हैं।

अपराह्न में खुले सत्र के दौरान शिक्षा व शिक्षकों की वर्तमान समस्याओं पर संगठन के शीर्ष नेतृत्व एवं सदस्यों के बीच खुली चर्चा हुई। साथ ही संगठन के वर्ष भर के आय-व्यय का लेखा जोखा तथा सरकार को भेजे जाने वाले प्रस्ताव पारित किए गए। इसी सत्र में रुक्टा (राष्ट्रीय) के महामंत्री के वार्षिक प्रतिवेदन को पारित किया गया।

अधिवेशन के दूसरे दिन 7 जनवरी को सुबह 9 बजे “भारतीय भाषाओं में उच्च शिक्षा: आवश्यकता, चुनौतियाँ एवं समाधान” विषय पर एक शैक्षिक संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा, जिसमें विशेषज्ञ शिक्षकों द्वारा शोध पत्र पढ़े जाएंगे तथा उनका निष्कर्ष केंद्र तथा राज्य सरकार को प्रेषित किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि इस शैक्षिक संगोष्ठी का विषय सभी भारतीय भाषाओं के संरक्षण, संवर्धन व विकास पर केंद्रित है।

समापन सत्र में मुख्य अतिथि पूर्व शिक्षामंत्री एवं विधायक अजमेर उत्तर एवं मुख्यवक्ता अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय संगठन मंत्री महेंद्र कपूर रहेंगे। अधिवेशन के अंतिम सत्र में ही अगले दो वर्ष के लिए संगठन की नवीन कार्यकारिणी की भी घोषणा की जाएगी।