Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
CBI directs Alok Verma leave order canceled - सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजने का आदेश निरस्त - Sabguru News
होम Delhi सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजने का आदेश निरस्त

सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजने का आदेश निरस्त

0
सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजने का आदेश निरस्त
CBI directs Alok Verma leave order canceled
CBI directs Alok Verma leave order canceled
CBI directs Alok Verma leave order canceled

नयी दिल्ली । उच्चतम न्यायालय ने केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक आलोक कुमार वर्मा को छुट्टी पर भेजने के केंद्रीय सतर्कता आयोग एवं कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के आदेश को मंगलवार को निरस्त कर दिया।

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति के. एम. जोसेफ की पीठ ने वर्मा को सीबीआई निदेशक का कार्य पुन: सौंपने का आदेश दिया। पीठ ने हालांकि वर्मा को फिलहाल नीतिगत फैसलों से दूर रहने का आदेश दिया।

पीठ की ओर से मुख्य न्यायाधीश ने फैसला लिखा था, लेकिन आज अवकाश पर रहने के कारण पीठ के सदस्य न्यायमूर्ति कौल ने कोर्ट नं एक के बजाय 12 में फैसला पढ़कर सुनाया।

न्यायालय ने दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान अधिनियम की धारा -चार(एक) के तहत उच्चाधिकार समिति को श्री वर्मा के मामले में पुनर्विचार करने का आदेश दिया। समिति का फैसला आने तक श्री वर्मा कोई महत्वपूर्ण नीतिगत फैसला नहीं ले सकेंगे।

न्यायमूर्ति कौल ने फैसला सुनाते हुए ‘विनीत नारायण एवं अन्य बनाम भारत सरकार’ मामले में शीर्ष अदालत के फैसले का उल्लेख किया। पीठ ने कहा कि विनीत नारायण मामले में न्यायालय की ओर से दिशा निर्देश जारी करने का उद्देश्य सीबीआई निदेशक को राजनीतिक हस्तक्षेप से संरक्षित रखना है।

न्यायालय ने ‘स्थानांतरण (ट्रांसफर)’ शब्द की व्याख्या करते हुए कहा कि इस शब्द का कोई संकुचित अर्थ नहीं होता, बल्कि इसे उन सभी कार्यों से विलग करने के तौर पर समझा जाना चाहिए जो सीबीआई निदेशक के कामकाज को प्रभावित करते हैं।

वर्मा ने जांच एजेंसी के निदेशक के पद से उन्हें छुट्टी पर भेजे जाने के सीवीसी और डीओपीटी के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी। पीठ ने पिछले साल छह दिसंबर को श्री वर्मा की याचिका पर विभिन्न पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।

पीठ ने गैर सरकारी संगठन कॉमन कॉज की याचिका पर भी सुनवाई की थी। इस संगठन ने न्यायालय की निगरानी में विशेष जांच दल (एसआईटी) से सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना सहित तमाम अधिकारियों के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कराने का अनुरोध किया था। सीबीआई के दोनों शीर्ष अधिकारियों के बीच छिड़ी जंग सार्वजनिक होने के बाद सरकार ने पिछले साल 23 अक्टूबर को दोनों अधिकारियों को उनके अधिकारों से वंचित कर अवकाश पर भेजने का निर्णय लिया था। दोनों अधिकारियों ने एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये थे।

केन्द्र ने इसके साथ ही ब्यूरो के संयुक्त निदेशक एम नागेश्वर राव को जांच एजेन्सी के निदेशक का अस्थाई कार्यभार सौंप दिया था। न्यायालय ने जांच ब्यूरो की गरिमा बनाये रखने के उद्देश्य से केन्द्रीय सतर्कता आयोग को कैबिनेट सचिव से मिले पत्र में लगाये गये आरोपों की जांच दो सप्ताह के भीतर पूरी करके अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में सौंपने का निर्देश दिया था। न्यायालय ने सीवीसी जांच की निगरानी की जिम्मेदारी शीर्ष अदालत के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश ए के पटनायक को सौंपी थी।