जयपुर । राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि प्रदेशवासियों को सीमांत बाड़मेर जिले के पचपदरा में स्थापित की जा रही रिफाइनरी की सौगात चार वर्ष के रिकॉर्ड समय में दी जायेगी।
गहलोत ने सोमवार को राजस्थान रिफाइनरी एवं पेट्रोकेमिकल कॉम्पलेक्स की प्रगति की समीक्षा बैठक में कहा कि रिफाइनरी के काम को पूरी रफ्तार देते हुए इसे एचपीसीएल द्वारा निर्धारित समय सीमा वर्ष 2022 तक पूरा करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने राज्य सरकार और एचपीसीएल के अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेशवासियों की रिफाइनरी का जो काम पिछले पांच साल में पूरा नहीं हो सका, उस काम को रिकॉर्ड समय में पूरा कर राजस्थान की जनता का सपना साकार करने का संकल्प लें।
उन्होंने कहा कि यह रिफाइनरी पूरे पश्चिमी राजस्थान के लिए विकास की धुरी साबित होगी। उन्होंने कहा कि रिफाइनरी की स्थापना से पचपदरा सहित पूरे क्षेत्र को लाभ मिलेगा। उन्होंने निर्देश दिए कि इस क्षेत्र में अभी से दूरदर्शिता के साथ योजना बनाई जानी चहिए, ताकि यहां सुनियोजित ढंग से आधारभूत विकास हो सके।
उन्होंने कहा कि रिफाइनरी से यहां बड़ी संख्या में सहायक एवं सेवा क्षेत्र के उद्योगों का विकास होगा और रोजगार के अवसर पनपेंगे। उन्होंने कहा कि सहायक उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए इस क्षेत्र में सुनियोजित रूप से औद्योगिक क्षेत्र भी स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्थानीय युवा प्रशिक्षण प्राप्त कर इन अवसरों का भरपूर लाभ उठा सकें, इसके लिए डेडीकेटेड स्किल सेन्टर की स्थापना करने के लिए आवश्यक कदम उठाये जाएंगे।
गहलोत ने कहा कि रिफाइनरी के निर्माण से राष्ट्रीय उच्च मार्ग और अन्य सड़कों पर भारी वाहनों की बड़ी संख्या में आवाजाही स्थानीय निवासियों के लिए परेशानी का कारण नहीं बनने दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि रिफाइनरी को रेल मार्ग से जोड़ने की संभावना पर भी विचार किया जाएगा।
बैठक में एचपीसीएल के अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक एम के सुराणा ने बताया कि रिफाइनरी में 43 हजार 129 करोड़ रूपये का निवेश किया जाएगा और इसकी क्षमता नौ मिलियन टन प्रति वर्ष होगी।