नई दिल्ली। देश की प्रमुख जांच एजेंसी केन्द्रीय जांच ब्यूरो के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि भ्रष्ट्राचार और ड्यूटी में कोताही बरतने के आरोप में इसके प्रमुख आलाेक वर्मा को गुरुवार को पद से हटा दिया गया। सरकार ने उच्चतम न्यायालय द्वारा दो दिन पूर्व बहाल किए गए वर्मा को उनके पद से हटाकर अग्नि शमन सेवा और होम गार्ड्स का महानिदेशक बना दिया है।
विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री, लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे तथा सुप्रीमकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के प्रतिनिधि न्यायमूर्ति अर्जन कुमार सिकिरी की यहां बैठक हुई, जिसमें वर्मा को निदेशक के पद से हटाने का निर्णय लिया। सूत्रों के अनुसार, यह निर्णय 2:1 के बहुमत के आधार पर किया गया।
मोदी और न्यायमूर्ति सिकरी जहां वर्मा को हटाने के पक्ष में थे, वहीं खड़गे ने इसका विरोध किया और अंतत: बहुमत के फैसले के आधार पर वर्मा को हटाने का निर्णय लिया गया।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई वर्मा की याचिका की सुनवाई करने वाली उस खंडपीठ का हिस्सा थे, जिसने गत मंगलवार को उन्हें (वर्मा को) निदेशक पद पर पुन: बहाल करने का आदेश दिया था। इसलिए चयन समिति में वह खुद नहीं शामिल हुए थे और उन्होंने न्यायमूर्ति सिकरी को अपना प्रतिनिधि बनाकर भेजा था।
कार्मिक मामलों के मंत्रालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार मंत्रिमंडल की नियुक्ति मामलों की समिति ने यह निर्णय लिया है। समिति ने इसके साथ ही सीबीआई के अतिरिक्त निदेशक नागेश्वर राव को नए निदेशक की नियुक्ति तक पहले की तरह निदेशक का कामकाज संभालने को कहा है।
कांग्रेस ने वर्मा को उनके पद से हटाए जाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह राफेल विमान सौदे की जाँच से डरकर ऐसा कर रहे हैं।
जानेमाने वकील प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया है कि वर्मा इस डर से हटाया गया है कि वह राफेल घोटाले में कहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ प्राथमिकी न दर्ज कर दें।
दिल्ली उच्च न्यायालय शुक्रवार को सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना और अन्य की याचिका पर फैसला सुना सकता है जिसमें भ्रष्ट्राचार को लेकर दायर प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की गयी है। न्यायालय ने 20 दिसंबर 2018 को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
राफेल जांच के डर से वर्मा को हटाया : कांग्रेस
कांग्रेस ने केंद्रीय जाँच ब्यूरो प्रमुख आलोक वर्मा को उनके पद से हटाए जाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह राफेल विमान सौदे की जांच से डरकर ऐसा कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय चयन समिति की आज शाम यहां हुई बैठक के बाद पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर ट्वीट किया कि आलोक वर्मा को उनका पक्ष रखने का मौका दिए बिना उनके पद से हटाकर प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार फिर दिखा दिया है कि वह (राफेल विमान सौदे की) जांच से बेहद डरे हुए हैं, चाहे वह स्वतंत्र सीबीआई निदेशक द्वारा हो या संयुक्त संसदीय समिति के जरिये संसद द्वारा।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इससे पहले उच्चतम न्यायालय द्वारा वर्मा को पद पर बहाल किए जाने के संदर्भ में मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था कि उन्होंने राफेल विमान सौदे की जांच से डरकर वर्मा को पद से हटाया था।
उन्होंने ट्वीट किया था कि प्रधानमंत्री सीबीआई प्रमुख को हटाने को लेकर इतनी जल्दबाजी में क्यों हैं। वह सीबीआई निदेशक को चयन समिति के समक्ष अपना पक्ष क्यों नहीं रखने दे रहे। उत्तर है – राफेल।
आलोक वर्मा अग्नि शमन सेवा के महानिदेशक, राव ही देखेंगे सीबीआई निदेशक का काम