सबगुरु न्यूज-सिरोही। जालोर-सिरोही लोकसभा क्षेत्र के लिए कांग्रेस के दावेदारों को लेकर रविवार को सर्किट हाउस में प्रभारी मंत्री भंवरसिंह भाटी ने रायशुमारी की और आवेदन लिए। इस दौरान 18 नाम सामने आए। इनमें कुछ नाम इतने चौंकाने वाले हैं कि इन्हें जानकर लोग यह सोचने को मजबूर हो जाएंगे कि यह रायशुमारी लोकसभा चुनावों के लिए है या पंचायत और नगर निकायों के लिए।
जिला कांग्रेस पदाधिकारी ने जिलाध्यक्ष जीवाराम आर्य के हवाले से बताया कि सिरोही में प्रभारी मंत्री के सामने आवेदन करने वालों में सबसे प्रमुख नाम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत, गुजरात में कांग्रेस के नेता सागर रायका और सिरोही के कांग्रेस के प्रभारी रह चुके करणसिंह उचरियारडा शामिल हैं।
इनके अलावा जालोर के गे्रनाइट व्यवसायी लालसिंह राठौड़, 2009 लोकसभा चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी रही संध्या चौधरी, सिरोही के पूर्व जिला प्रमुख चंदनसिंह देवड़ा भी टिकिटार्थियेां में शामिल हैंं। शेष लोगों में दिनेश चौधरी, वनराज देवासी, सिरोही के पूर्व जिला प्रमुख अनाराम बोराणा, चंदनसिंह राजपुरोहित, इंदरसिंह देवड़ा, सिद्धार्थ गहलोत, कुलदीपसिंह देवड़ा, राजेश गहलोत, पुखराज गहलोत, मनोज प्रजापति, बालेन्द्र शेखावत और कर्नल शंभूसिंह शामिल हैं।
-लगा जमावड़ा
लोकसभा चुनावों को लेकर सिरोही सर्किट हाउस में हुई कांग्रेस की रायशुमारी में शामिल होने के लिए जालोर सिरोही समेत बाहर के जिलों के दावेदार भी शामिल हुए। सर्किट हाउस पर टिकिट के आवेदक अपने समर्थकों के साथ एकत्रित हुए। यहां वाहनों और लोगों को जमावड़ा लगा रहा।
-बिखरी हुई कांग्रेस को समेटने पर ये बोले मंत्री
विधानसभा चुनावों की बात करें तो जालोर-सिरोही लोकसभा सीट में आने वाली आठ विधानसभाओं में से कांग्रेस को सिर्फ सांचोर सीट पर जीत मिली। विधानसभा चुनावों के आंकड़ों से लोकसभा की जो तस्वीर बन रही है उसमें भाजपा ज्यादा मजबूत स्थिति में है।
पत्रकारों के सवाल पर इस विषय में जालोर और सिरोही जिलों के प्रभारी भंवरसिंह भाटी ने कहा कि रायशुमारी से पहले हुई बैठक में कांग्रेस के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने विधानसभा चुनावों में रही कमी को पूरा करने का आश्वासन देते हुए कांग्रेस को जितवाने के लिए जी-जान लगाने को संकल्प किया है।
वैसे भाटी के दावों के विपरीत सर्किट हाउस में ही सिरोही जिले के एक दावेदार रायशुमारी के दौरान कांग्रेस जिलाध्यक्ष को मंत्री के कमरे से बाहर करने की बात कहते नजर आए। उनकी दलील थी कि यदि किसी को जिलाध्यक्ष के खिलाफ कुछ कहना है तो वो जिलाध्यक्ष की मौजूदगी में नहीं कह पाएगा।
देखिये मंत्री का सक्षात्कार….