बेंगलुरु । कर्नाटक में जनता दल (एस) और कांग्रेस की गठबंधन सरकार को अस्थिर करने की भाजपा की कथित कोशिशों के बीच राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दारामैया ने बुधवार को कहा कि सरकार को बचाने की हर संभव कोशिश जारी है और कांग्रेस विधायकों को प्रलोभन देकर अपने पाले में करने की भाजपा के प्रयास विफल हो जाएंगे।
कर्नाटक की सात महीने पुरानी गठबंधन सरकार को गिराने के लिये भाजपा लगातार असंतुष्ट विधायकों के संपर्क में है। उसने दो निर्दलीय विधायक आर. शंकर और एच. नागेश को मंगलवार को गठबंधन सरकार से समर्थन वापस लेने के लिए मना लिया।
संवाददाताओं से बात करते हुए सिद्दारामैया ने भरोसा जताया कि भाजपा की ओर से प्रलोभन देने के बावजूद कांग्रेस का कोई विधायक पार्टी छोड़कर नहीं जाएगा। उन्होंने कहा, “भाजपा के सभी गलत इरादे ध्वस्त हो जायेंगे। कांग्रेस अपने विधायकों को पार्टी में बनाये रखने के लिये हर जरूरी कदम उठायेगी।”
एक सवाल के जवाब में गठबंधन सरकार की समन्वय समिति के अध्यक्ष सिद्दारामैया ने कहा कि भाजपा विधायकों को कांग्रेस में शामिल कराने के लिये पार्टी को ‘काउंटर ऑपरेशन’ चलाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा की ओर से कथित ‘ऑपरेशन लोटस’ चलाने की तैयारी है लेकिन मैं ऐसी चीजों पर भरोसा नहीं करता। यह गलत और अनैतिक है।’’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कुछ विधायक मुंबई गये थे लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि वे पार्टी छोड़ देंगे। गौरतलब है कि 224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा में अध्यक्ष समेत कांग्रेस के 80 विधायक हैं और वे भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिये 37 विधायकों वाली जनता दल (सेक्युलर) को बिना शर्त समर्थन दे रहे हैं। बसपा का एक विधायक भी सरकार के समर्थन में है। बीजेपी के पास 113 की बहुमत संख्या के मुकाबले 104 सीटें ही हैं जबकि दो विधायक निर्दलीय हैं। ऐसे में भाजपा को कर्नाटक में सरकार गठन के लिये दोनों निर्दलियों के अलावा सात और विधायकों के समर्थन की जरूरत है।
इस बीच, सिद्दारामैया ने कर्नाटक में कांग्रेस के प्रभारी के.सी. वेणुगोपाल के साथ बेंगलुरु के कुमार कृपा गेस्ट हाउस में दूसरे दिन भी लंबी बैठक की। बैठक में कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंडुराव भी मौजूद थे।