नैनीताल। उत्तराखंड में मीटू मामले में कथित रूप से फंसे भारतीय जनता पार्टी के पूर्व संगठन महासचिव संजय कुमार को हाईकोर्ट ने फिलहाल राहत दे दी है। न्यायालय ने उनकी गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक लगा दी है और सरकार से इस मामले में चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है।
मीटू के आरोप में भाजपा नेता के खिलाफ 5 जनवरी को देहरादून में मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद लग रहा था कि पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर सकती है। इससे पहले संजय कुमार उच्च न्यायालय पहुंच गये। उन्होंने देहरादून में उनके खिलाफ दर्ज मामले को खारिज करने के लिये उच्च न्यायालय में एक आपराधिक याचिका दायर की है।
आरोपी कुमार के अधिवक्ता आदित्य सिंह ने बताया कि मामले की सुनवाई न्यायाधीश नारायण सिंह धानिक की एकलपीठ में हुई। अदालत ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है और सरकार से चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है।
आरोपी पर भाजपा मुख्यालय में काम करने वाली एक महिला ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। उसका आरोप था कि उसने इस मामले की शिकायत भाजपा के उच्च नेताओं से भी की लेकिन उसकी फरियाद किसी ने नहीं सुनी। इसके बाद यह मामला समाचार पत्रों की सुर्खियां बन गया।
मामले के चर्चा में आते ही प्रदेश की राजनीति में तूफान खड़ा हो गया। मामले की नजाकत को समझते ही भाजपा आलाकमान ने संजय कुमार को संगठन के महासचिव पद से हटा दिया। इसके बाद कुछ समय तक यह मामला शांत रहा। पुलिस ने 5 जनवरी को पीड़ित महिला के बयान लिए।
इसके बाद पीड़िता ने देहरादून की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) निवेदिता कुकरेती को संजय कुमार के खिलाफ ईमेल से लिखित शिकायत भेज दी। पुलिस ने इस शिकायत पर भाजपा नेता के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था। उनके खिलाफ भारतीय दंड संहित की की धारा 354, 294 एवं 506 के तहत मामला दर्ज किया गया है।