गांधीनगर। गुजरात में पूर्व विधायक तथा प्रदेश भाजपा के पूर्व उपाध्यक्ष जयंती भानुशाली (54) की चलती हुई ट्रेन के फर्स्ट एसी कोच में पिछले दिनों हुई सनसनीखेज हत्या की गुत्थी सुलझाने का दावा करते हुए पुलिस ने बताया कि इसका षडयंत्र कांग्रेस से भाजपा में आये एक अन्य पूर्व विधायक छबील पटेल ने भानुशाली से रंजिश रखने वाली एक महिला के साथ मिल कर रचा था।
भानुशाली की गत सात-आठ जनवरी की दरम्यानी रात को उस समय मोरबी जिले में चलती ट्रेन में गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी जब वे सयाजीनगरी एक्सप्रेस के एच 1 कोच में भुज से अहमदाबाद आ रहे थे।
गुजरात पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस), अहमदाबाद क्राइम ब्रांच और रेलवे पुलिस के साथ मिल कर मामले की जांच कर रही सीआईडी क्राइम के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अजय तोमर ने आज संवाददाता सम्मेलन में बताया कि पटेल ने उनके ही जैसे भानुशाली के साथ गहरा अनबन रखने वाली मनीषा गोस्वामी नाम की महिला के साथ मिल कर इस हत्या का षडयंत्र रचा था।
पिछले साल नवंबर में पुणे में अपराधी सुरजीत भाऊ और उसके गिरोह के साथ पहले इस बारे में योजना बनी और बाद में 25 दिसंबर से हत्या को अंजाम देने वाले दोनो शार्प शूटर, जिनकी पहचान शशिकांत ऊर्फ दादा कांबले तथा शेख अशरफ अनवर (दोनों निवासी येरवडा, पुणे) समेत अन्य पटेल के कच्छ स्थित फार्म हाऊस पर ठहरे थे। वहां से भानुशाली की गतिविधियों पर नजर रखी गई थी।
पटेल स्वयं दो जनवरी को विदेश (मस्कट) चले गए। मनीषा तीन से छह जनवरी तक कच्छ में थी फिर वह भी वहां से निकल गई। दोनो शूटर उक्त ट्रेन में भचाऊ में चढ़े थे और एक रेलवे कर्मी से खुद को कन्फर्म टिकट धारक यात्री बताया था। उन्होंने भानुशाली के केबिन को खुलवाया और उन्हें गोली मार दी। उस केबिन में एक अन्य यात्री पवन मोरे भी सो रहे थे। बाद में उन्होंने पुलिस को हत्या की जानकारी दी थी। मौके से भानुशाली का एक मोबाइल फोन मिला था।
दोनों हत्यारों ने ट्रेन की जंजीर रात 12 बज कर 55 मिनट पर सामखियाली के निकट खींच दी और वहां योजना के अनुरूप पहले से मौजूद अपने गिरोह के अन्य सदस्यों के साथ पुणे की ओर रवाना हो गए। टॉल नाके के सीसीटीवी फुटेज में उनकी गाड़ी देखी गई है।
यह खुलासा पटेल के गेस्ट हाऊस में ठहरे हत्यारों और अन्य की देखरेख के लिए नियुक्त भुज निवासी दो लोगों नीतिन वी पटेल और राहुल जे पटेल की गिरफ्तारी और पूछताछ तथा पड़ताल से हुआ है। उन्होंने कहा कि दोनों हत्यारों, पटेल तथा मनीषा समेत अन्य आरोपियों की धरपकड़ के प्रयास किए जा रहे हैं।
भानुशाली वर्ष 2007 से 2012 तक कच्छ जिले की अब्डासा सीट पर भाजपा के विधायक थे। पटेल ने 2012 में तत्कालीन कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर उन्हें हराया था। इसके दो साल बाद वह भी भाजपा में शामिल हो गए थे पर 2014 के उपचुनाव और 2017 के विधानसभा चुनाव में वह भाजपा प्रत्याशी के तौर पर पराजित हो गए थे। उनके और भानुशाली के बीच एक ही दल में रहने के बावजूद कड़ी राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता थी जो शत्रुता तक पहुंच गई थी।
दूसरी और मनीषा जिसने भानुशाली पर कई तरह के आरोप लगाए थे को उनके भतीजे सुनील भानुशाली ने मामला दर्ज करा कर पिछले ही साल जेल भिजवाया था। पटेल ने मनीषा की जेल से छूटने में खासी मदद की थी।
ज्ञातव्य है कि पिछले साल जुलाई में भानुशाली को उस समय भाजपा उपाध्यक्ष पद छोड़ना पड़ा था जब एक अन्य महिला ने उन पर यौन शोषण का आरोप लगाया था हालांकि बाद में उसने यह मामला वापस ले लिया था।