नई दिल्ली। सरकार ने छोटे तथा सीमांत किसानों की मदद के लिए ‘पीएम-किसान’ नाम से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि बनाने की घोषणा की है जिसके तहत दो हेक्टेयर तक की जोत वाले किसानों को सालाना छह हजार रुपए की मदद दी जाएगी। इसके अलावा उसने गायों से संबंधित राष्ट्रीय कामधेनु आयोग और अलग से मत्स्य पालन विभाग बनाने का भी प्रस्ताव किया है।
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने आज लोकसभा में वित्त वर्ष 2019-20 का अंतरिम बजट पेश करते हुए इसकी घोषणा की। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम एक दिसंबर 2018 से लागू माना जाएगा। इसके तहत मदद की राशि सीधे किसानों के खाते में जमा की जाएगी। इसका पूरा खर्च केंद्र सरकार उठाएगी।
उन्होंने बताया कि यह राशि दो-दो हजार रुपए की तीन बराबर किस्तों में दी जाएगी। दिसम्बर 2018 से मार्च 2019 की अवधि के लिए पहली किस्त जल्द ही किसानों के खाते में भेज दी जाएगी। इससे करीब 12 करोड़ किसान परिवार लाभांवित होंगे। योजना से सरकारी खजाने पर सालाना करीब 75 हजार करोड़ रुपए का बोझ आयेगा। चालू वित्त वर्ष के लिए इस मद में 20 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार ने किसानों की आमदनी वर्ष 2022 तक दुगुनी करने के लिए कई उपाय किए हैं। उसने 22 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत का डेढ़ गुना किया है। इसके बावजूद अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कृषि संबंधी वस्तुओं की गिरती कीमतों और खाद्य मुद्रास्फीति की दर कम रहने से किसानों की आमदनी में अपेक्षित वृद्धि नहीं हुई है। इसे देखते हुए छोटे तथा सीमांत किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए इस निधि की जरूरत थी।
उन्होंने बताया कि गायों के सतत आनुवांशिक उन्नयन और गायों का उत्पादन तथा उत्पादकता बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय कामधेनु आयोग की स्थापना की जाएगी। आयोग गायों के लिए कानूनों और कल्याण योजना को प्रभावी रूप से लागू करने की जिम्मेदारी निभाएगा। राष्ट्रीय गोकुल मिशन के लिए आवंटन बढ़ाकर 750 करोड़ रुपये करने का भी प्रस्ताव है।
सरकार ने अलग से मत्स्य पालन विभाग का सृजन करने का निर्णय लिया है। गोयल ने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ऋण लेकर पशुपालन और मत्स्य पालन की गतिविधियाँ चला रहे किसानों के लिए दो प्रतिशत ब्याज छूट दी जाएगी। इसके अलावा ऋण का समय पर पुनर्भुगतान करने पर उन्हें तीन प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज छूट भी दी जाएगी।
प्राकृतिक आपदाओं से बुरी तरह प्रभावित सभी किसानों को दो प्रतिशत ब्याज छूट का लाभ उपलब्ध कराया जाएगा और उनके ऋणों की पुनः निर्धारित पूरी अवधि के लिए तत्काल पुनःभुगतान करने पर तीन प्रतिशत ब्याज छूट का प्रोत्साहन भी मिलेगा।