शिलांग । मेघालय के मुख्यमंत्री और नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष कोनराड संगमा ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2016 को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार से अलग होने के लिए ‘उचित समय’ का इंतजार कर रही है।
पूर्वोत्तर राज्यों में विभिन्न नागरिक समाज समूह और राजनीतिक दल नागरिक (संशोधन) विधेयक का पुरजोर विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “सरकार द्वारा राज्यसभा में विधेयक लाये जाने के बाद हम अंतिम निर्णय लेंगे। एनपीपी विभिन्न दबाव समूहों और राज्य के लोगों की भावनाओं का सम्मान करती है। ”
संगमा ने कहा कि एनपीपी पूर्वोत्तर के कई अन्य राजनीतिक दलों के साथ पूरी तरह से नागरिकता (संशोधन) विधेयक के खिलाफ है क्योंकि यह क्षेत्र की जनसांख्यिकी को बदल देगा और इसके अतिरिक्त यह जातीय समुदाय को उनकी अपनी भूमि पर अल्पसंख्यक बना देगा।
एनपीपी मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के साथ गठबंधन में है। दूसरी तरफ मेघालय में एनपीपी के नेतृत्व वाली मेघालय डेमोक्रेटिक एलायंस (एमडीए) सरकार में भाजपा गठबंधन सहयोगी है।
एनपीपी सुप्रीमो और मिजोरम के मुख्यमंत्री अन्य दलों के संपर्क में हैं अौर वह इस विधेयक के खिलाफ जमकर प्रचार कर रहे हैं। इस विधेयक की समाप्ति की मांग को लेकर मुख्यमंत्री ने राजधानी दिल्ली में एक प्रतिनिधिमंड़ल भेजा है । इन नेताओं ने लोक जनशक्ति पार्टी, बीजू जनता दल, अकाली दल, शिव सेना और अन्य दलों से भी राज्यसभा में इस विधेयक के खिलाफ समर्थन मांगा है।
इस विधेयक को लोकसभा में आठ जनवरी को पारित कर दिया गया था और उस समय कांग्रेस तथा तृणमूल कांग्रेस ने इसका कड़ा विरोध किया था। उन्होंने कहा कि हम इस मामले में समाजवादी पार्टी के संपर्क में हैं।