आकलैंड । भारतीय महिला क्रिकेट टीम जब जीत रही होती है तो वह अनावश्यक विवाद में फंसकर अपनी लय खो बैठती है और ऐसा ही कुछ उसके साथ न्यूज़ीलैंड के खिलाफ पहले ट्वंटी-20 मैच में हुआ जहां उसे अपने नौ विकेट मात्र 34 रन पर गंवाने के बाद 23 रन से हारना पड़ा।
भारतीय टीम की हार के बाद इसका कारण निकल कर सामने आया तो पिछले वर्ष ट्वंटी-20 विश्व कप के सेमीफाइनल की हार ताजा हो गयी। हरमनप्रीत कौर की कप्तानी वाली ट्वंटी-20 टीम से सबसे अनुभवी बल्लेबाज और वनडे कप्तान मिताली राज को बाहर रखा गया था और फिर भारत विश्व कप से ही बाहर हो गया था।
न्यूज़ीलैंड के खिलाफ पहले ट्वंटी-20 मैच में भी यही हुआ। मिताली को बाहर रखा गया और भारतीय टीम यह मैच हार गयी। हरमनप्रीत को यह ध्यान रखना होगा कि इस फॉर्मेट में भी टीम को एक अनुभवी बल्लेबाज की जरूरत पड़ती है। मिताली का अनुभव टीम के लिए फायदेमंद है और इस बात को उन्होंने लगातार साबित किया है। मिताली ने विश्व कप में दो अर्धशतक बनाये थे, इसके बावजूद उन्हें टीम से बाहर रखा गया था।
भारतीय टीम जब शुक्रवार को आकलैंड में तीन मैचों की सीरीज का दूसरा मैच खेलने उतरेगी तो वह ट्वंटी-20 मैचों का अपना शतक पूरा करेगी। इस मैच को यादगार बनाने के लिए भारतीय टीम को विवाद को दरकिनार कर वापसी करनी होगी वरना सीरीज उसके हाथ से निकल जायेगी।