नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो के पूर्व अंतरिम निदेशक एम. नागेश्वर राव को न्यायालय की मानहानि का दोषी मानते हुए मंगलवार को एक लाख रुपए का जुर्माना और अदालती कार्यवाही समाप्त होने तक न्यायालय में एक कोने में बैठने की सजा सुनाई।
राव को यह सजा बिहार के मुजफ्फरपुर आश्रय गृह मामले में शीर्ष न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन करने पर सुनाई गई है। राव ने मामले की जांच कर रहे प्रमुख अधिकारी एके शर्मा का तबादला कर दिया था।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने राव पर एक लाख रुपए का जुर्माना और न्यायालय की कार्यवाही खत्म होने तक न्यायालय में ही एक कोने पर बैठने की सजा सुनाई।
न्यायालय का मानना था कि राव ने जांच अधिकारी शर्मा का यह जानते हुए भी तबादला कर दिया किया उच्चतम न्यायालय ने जांच दल में बदलाव नहीं किए जाने के निर्देश दिए हैं।