अजमेर। पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल किए जाने तथा साल 2004 के बाद जारी पेंशन स्कीम को बंद करने की मांग को लेकर प्रदेशभर में मंगलवार को आयोजित धरने के क्रम में अजमेर कलेक्ट्रेट के बाहर भी कर्मचारियों ने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया।
कर्मचारी संगठनों की ओर से इस बारे में प्रधानमंत्री के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में बताया गया कि एनडी सरकार ने 1 जनवरी 2004 से पुरानी पेंशन की जगह नए भर्ती कर्मचारियों पर नवीन पेंशन स्कीम लागू कर दी साथ ही 13 नवंबर 2013 को संसद में पेंशन फंड डवलपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी बिल पारित कर एनपीएस लागू करने का स्थायी कानून बना दिया।
इस नीति का विरोध करते हुए केन्द्रीय कर्मचारियों, राज्य कर्मचारियों, फेडरेशन, निगमों, बोर्डों, शिक्षक संघ, महासंघों ने राष्ट्रव्यापी हडताल व प्रदर्शन किए। वर्तमान में भी यह क्रम बना हुआ है। एनडीए सरकार ने आंदोलनों के दबाव के चलते अंशदान 10 प्रतिशत से बढाकर 14 प्रतिशत करने का प्रावधान किया जो न्यायसंगत नहीं है।
इस क्रम में भारत के लगभग 34 राज्यों से कर्मचारी 21 फरवरी को दिल्ली पहुंचेंगे तथा जन्तर मंतर पर धरना प्रदर्शन कर विरोध दर्ज कराएंगे। प्रदेश के भी सभी 7 लाख कर्मचारियों की मांग है कि पुरानी पेंशन स्कीम को लागू किया जाए तथा नई पेंशन स्कीम तत्काल बंद की जाए।
ज्ञापन देने वालों में अखिल भारतीय राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ के जिलाध्यक्ष कांति कुमार शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष त्रिलोकचंद यादव, उपाध्यक्ष गिरीराज किशोर, दिनेश शर्मा, उम्मेदमल टेलर समेत विभिन्न कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि शामिल थे।