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IAF carries out vayu shakti exercise in pokhran-पाकिस्तान सीमा के निकट वायुशक्ति युद्धाभ्यास में वायुसेना ने दिखाया दम - Sabguru News
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पाकिस्तान सीमा के निकट वायुशक्ति युद्धाभ्यास में वायुसेना ने दिखाया दम

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पाकिस्तान सीमा के निकट वायुशक्ति युद्धाभ्यास में वायुसेना ने दिखाया दम
IAF carries out vayu shakti exercise in pokhran
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पोखरण (जैसलमेर)। राजस्थान में जैसलमेर जिले के पोखरण में भारतीय वायुसेना का उत्साह और आक्रोश वायुसेना के सबसे बड़े युद्धाभ्यास ‘वायु शक्ति’ में पाकिस्तान सीमा के निकट पोखरण रेंज पर दिखाई दे रहा है।

इस युद्धाभ्यास में वायुसेना के जवानों ने लड़ाकू विमानों से दुश्मन के ठिकानों को नेस्तनाबूद करने का प्रदर्शन करके जांबाजी का परिचय दिया, तो पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की धरती भी थर्राती नजर आई।

‘वायु शक्ति’ में इंडियन एयर फोर्स के आकाशवीर लगभग 140 लड़ाकू विमान, हेलिकॉप्टर और मालवाहक विमान में सवार होकर अपनी मारक क्षमता और अभियानों के जरिए ताकत का प्रदर्शन कर रहे हैं।

ऐसे में लडाकू विमानों से किए जा रहे युद्धाभ्यास से पाकिस्तान की धरती तक धूजती नजर आई, क्योकि महज 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पोखरण में युद्धाभ्यास के दौरान वायुसेना के जांबाज दिन, सूर्यास्त और रात के समय लक्ष्यों का पता लगाकर उन्हें नेस्तनाबूद करने के कौशल का नमूना पेश कर रहे हैं।

देश की पश्चिमी सीमा पर स्थित जैसलमेर की चांधण फील्ड फायरिंग रेंज में भारतीय वायुसेना का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास ‘वायुशक्ति-2019’ आज आयोजित किया गया, जिसमें दो घण्टे तक वायुसेना के 137 लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर्स रियल टाइम टारगेट ध्वस्त करते नजर आए। युद्धाभ्यास में आकाश एवं अस्त्र मिसाइलों के साथ जीपीएस एवं लेजर गाइडेड बम, राकेट लांचर और हेलीकॉप्टर्स गनों का प्रयोग किया गया।

भारतीय वायुसेना का ऐसा युद्धाभ्यास तीन साल में एक बार होता है। युद्धाभ्यास के दौरान वायुसेना के जवान और अधिकारी अपनी पूरी क्षमता के साथ प्रदर्शन करते नजर आए। इस आयोजन वायुसेना ने दर्शाया कि हवाई सुरक्षा कितनी मजबूत है।

युद्धाभ्यास में मिग-21 बाइसन, मिग-27, मिग-29 मिराज-2000, सुखोई-30 एमकेआई, जगुआर जैसे 91 लड़ाकू विमान चांधण फील्ड फायरिंग रेंज में बनाए गए टारगेट पर जीवंत हमला करते नजर आए। इसके लिए रॉकेट लॉन्चर, कैनन, लेजर गाइडेड बम व मिसाइलों का प्रयोग किया गया।

युद्धाभ्यास में 25 लड़ाकू हेलीकॉप्टर मसलन् एमआई-17, एमआई-35 और रुद्र शामिल रहे। युद्ध स्थल पर ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट एएन-32, हरक्यूलिस सी-130, ग्लोबमास्टर सी-17 भी शामिल रहे। वायुसेना की नेत्र प्रणाली, एवाक्स और यूएवी भी शामिल की गई। इसमें वायु सेना की गरुड़ कमांडो टीम भी शामिल रही, जिन्होंने विभिन्न परिस्थितियों में दुश्मन पर हमला करने के अभ्यास का जीवंत प्रदर्शन किया।

युद्धाभ्यास में भारत में बने हल्के लड़ाकू विमान तेजस का प्रदर्शन भी देखने को मिला। चांधण फील्ड फायरिंग रेंज में मॉक राडार साइट, यार्ड, आतंकवादी कैंप, रन-वे, ब्लास्ट पेन जैसी साइट भी बनाई गई।