लखनऊ । केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार को संत रविदास के आदर्शो का अनुकरण करने की नसीहत देते हुये बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को कहा कि छोटे मन से कोई भी बड़ा नहीं हो सकता।
मायावती ने यहां जारी बयान में कहा कि सामाजिक परिवर्तन का अलख जगाने वाले सन्त रविदास ने अपना सारा जीवन इन्सानियत का संदेश देने में गुज़ारा और जातिभेद के ख़िलाफ आजीवन कड़ा संघर्ष करते रहे। आज के संकीर्ण अौर जातिवादी माहौल में उनके मानवतावादी संदेश की बहुत अहमियत है।
उन्होने कहा कि सत्ताधारी पार्टी के लोगों को चाहिये कि वे केवल उन्हें स्मरण करने की रस्म नहीं निभायेें बल्कि इससे पहले अपने मन को संकीर्णता, जातिवाद एवं साप्रदायिकता से पाक करके मन को चंगा करें क्योंकि छोटे मन से कोई भी बड़ा नहीं हो सकता।
बसपा प्रमुख ने कहा कि संत रविदास वाराणसी में छोटी जाति में जन्म लेने के बावजूद प्रभु-भक्ति के बल पर ब्रम्हाकार हुये। एक प्रबल समाज सुधारक के तौर पर वे आजीवन कड़ा संघर्ष करके हिन्दू धर्म में व्याप्त जन्म पर आधारित गै़र-बराबरी वाली वर्ण-व्यवस्था अौर अन्य कुरीतियों के ख़िलाफ संघर्ष करते रहे तथा उसमें सुधार की पुरज़ोर कोशिश करते रहे।
मायावती ने कहा कि ऐसे महान संतगुरु के सम्मान में बसपा सरकार ने कई काम किये जिसमेें उनके नाम पर भदोही ज़िले का नामकरण, संत रविदास की जन्म नगरी वाराणसी में संत रविदास पार्क एवं घाट की स्थापना, फैज़ाबाद में संतगुरू रविदास राजकीय महाविद्यालय का निर्माण, वाराणसी में ही संत रविदास की प्रतिमा की स्थापना, संत रविदास सम्मान पुस्कार की स्थापना आदि प्रमुख हैं।
इसके अलावा संत रविदास पालीटेक्निक, चन्दौली की स्थापना, संत रविदास एस.सी/एस.टी प्रशिक्षण संस्थान, वाराणसी में गंगा नदी पर बनने वाले पुल का नाम संत रविदास के नाम पर करने तथा बदायूँ में संत रविदास धर्मशाला के लिये सहायता, बिल्सी में संत रविदास की प्रतिमा स्थापना की स्वीकृति आदि कार्य उनकी सरकार के कार्यकाल में हुये ।
उन्होने कहा कि सत्ताधारी भाजपा की संकीर्ण, जातिवादी व्यवहार के कारण देश में कई प्रकार की विषमतायें और विकृतियाँ बढ़ गयी हैं और समाज का तानाबाना बिखरता जा रहा है जिससे देश की 130 करोड़ जनता का जीवन काफी त्रस्त, दुःखी अौर व्यथित है, जो अति दुर्भाग्यपूर्ण है। भाजपा सरकारों की अदूरदर्शी और छोटे मन से लगातार काम करते रहने का ही परिणाम है कि बढती महंगाई, गरीबी,बेरोजगारी छाई है तथा राष्ट्रीय सुरक्षा भी गंभीर समस्या का शिकार है जिससे जितना जल्दी पार पाया जाये उतना ही बेहतर होगा।