इटावा। नई दिल्ली से वाराणसी के बीच चलाई गई मेक इन इंडिया के तहत देश में निर्मित पहली हाईस्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस की रफ्तार पर मवेशियो की आवाजाही ब्रेक लगा रही है।
इटावा जक्शंन अधीक्षक पूरन मल मीना ने बताया कि दिल्ली से वाराणसी के बीच गत 17 फरवरी से शुरू कराई गई हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस भरथना और इकदिल के बीच एक मवेशी के कटने के रात के अंधेरे के कारण करीब 40 मिनट सुनसान इलाके में खड़ी रही। यह समस्या दिल्ली-हावड़ा रेल मार्ग पर इटावा में ही नहीं बल्कि पूरे रेलवे ट्रैक पर देखने को मिल रहा है।
वंदे भारत एक्सप्रेस की सुरक्षा के संबंध में निर्माण विभाग के पीडब्लूडीआई एनके चंद्रवंशी का कहना है कि ट्रैक पर फेनिशिंग के लिए मंडल स्तर से कोई दिशा निर्देश नहीं मिले है जब निर्देश मिलेंगे और टेन्डर होगा तभी फेनिशिंग का काम शुरु कराया जाएगा।
दूसरी ओर रेलवे सुरक्षा बल के इंस्पेक्टर बीके शर्मा का कहना है कि इटावा सेक्शन में ट्रैक के किनारे रहने वाले लोगों को निर्देश दिए गए है कि वह अपने पशुओं को बांधकर रखें। अगर किसी का भी पशु रेलवे ट्रैक या आसपास के क्षेत्र में नजर आया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
गौरतलब है कि बुलेट ट्रेन की तरह नजर आने वाली इस ट्रेन का संचालन जनवरी में शुरु होना था, लेकिन 15 फरवरी को दूसरे ट्रायल के बाद 17 फरवरी से विधिवत ट्रेन का संचालन शुरु हो गया है।
इस ट्रेन को 160 किलो मीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चलाने के लिए सीआरएस ने स्वीकृति दे दी, लेकिन अभी यह ट्रेन 130 किलो मीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चलाई जा रही है। ट्रेन के शुरु होते ही आए दिन घटनाएं भी शुरु हो गई है।
18 फरवरी को टूंडला के पास एक गौवंश कटने से जहां ट्रेन काफी देर खड़ी रही थी वहीं 20 फरवरी की सुबह हिरन गांव के पास अराजकतत्वों ने ट्रेन पर पथराव कर गेट का कांच तोड़ दिया था। उसी दिन रात को बनारस से लौटते समय भरथना एवं इकदिल के बीच बंधा गेट के पास एक आवारा गौवंश ट्रेन की चपेट में आ गया था। जिसके कारण ट्रेन 40 मिनट तक रात के अंधेरे में खड़ी रही थी।
सिर्फ ट्रायल के समय ही रेलवे क्रासिंगों और स्टेशनों पर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद दिखी थी, लेकिन अब ट्रेन का संचालन विधिवत शुरु हो गया है। ऐसे में न तो क्रॉसिंगों पर कोई सुरक्षा है और न ही स्टेशनों पर।
शताब्दी और राजधानी एक्सप्रेस समेत अन्य ट्रेनों से आवारा पशुओं के ट्रैक और ट्रेन के देरी से पहुंचने पर पहले से ही चर्चा में है, लेकिन अब वंदे भारत एक्सप्रेस के समय पर नहीं पहुंचने पर सवाल उठ रहा है।