लाहौर। पाकिस्तान नेशनल एसेंबली में विपक्ष के नेता और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष शाहबाज शरीफ ने भारतीय नेतृत्व से क्षेत्र में युद्ध शुरू करने से बचने की मंगलवार को अपील की।
भारतीय वायु सेना की ओर से पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के बालाकोट में की गयी कार्रवाई पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शरीफ ने भारतीय नेतृत्व से अपनी युद्ध नीति पर पुनर्विचार करने की अपील की। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि यदि भारत युद्ध की शुरूआत करता है तो पाकिस्तान दिल्ली में अपना झंडा फहराएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दक्षिण एशिया के निर्दाेष लोगों को युद्ध में नहीं झोंकने की अपील करते हुए कहा कि एक ओर मोदी गरीब लोगों का पैर धोते हैं और दूसरी ओर निर्दाेष कश्मीरियों का खून बहाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि भारतीय नेतृत्व को जिम्मेदारी के साथ कदम उठाना चाहिए और दक्षिण एशिया के लोगों को युद्ध में नहीं ढकेलना चाहिए। शाहबाज ने चेतावनी दी कि भारत को पाकिस्तान के संयम को कमजोरी नहीं समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के कदम को कमजोरी समझना भारतीय पक्ष की भारी भूल होगी।
उन्होंने कहा कि पूरा देश पाकिस्तानी सशस्त्र बलों एवं सेना के साथ है। उन्होंने कहा कि हमारी सेना गुणवत्ता से भरपूर है तथा सभी के सामने इसकी बहादुरी के उदाहरण हैं। हमें उन पर नाज है। उन्होंने कहा कि मैं भी युद्ध के मैदान में जाने और देश के लिए अपना खून बहाने को तैयार हूं।
भारत ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद देश के अन्य हिस्सों में भी पुलवामा जैसे फिदायीन हमले करने की तैयारी में था और इसलिए खुफिया जानकारी के आधार पर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के बालाकोट स्थित उसके प्रशिक्षण शिविर पर मंगलवार तड़के आत्मरक्षा के लिए असैन्य कार्रवाई कर बड़ी संख्या में आतंकवादियों को मार गिराया गया।
केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा समिति की यहाँ प्रधानमंत्री आवास पर मंगलवार सुबह हुई बैठक के बाद विदेश सचिव विजय गोखले ने एक लिखित बयान पढ़ते हुए मीडिया से कहा कि पुख्ता जानकारी मिली थी कि जैश-ए-मोहम्मद देश के विभिन्न हिस्सों में आत्मघाती आतंकवादी हमलों का प्रयास कर रहा था और इसके लिए फिदायीन जिहादियों को प्रशिक्षित कर रहा था। आसन्न खतरे को देखते हुए आत्मरक्षार्थ हमला जरूरी हो गया था।
उन्होंने बताया कि खुफिया जानकारी के आधार पर मंगलवार तड़के भारत ने जैश-ए-मोहम्मद के बालाकोट स्थित सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर पर हमला किया। इस कार्रवाई में बड़ी संख्या में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी, प्रशिक्षक, वरिष्ठ कमांडर और फिदायीन हमले का प्रशिक्षण ले रहे जिहादियों का सफाया हो गया। बालाकोट के इस आतंकवादी शिविर का मुखिया जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर का निकट संबंधी मौलाना यूसुफ अजहर उर्फ उस्ताद गौरी था।