नयी दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पुलवामा आतंकवादी हमले पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की चुप्पी पर सवाल किया है और कहा है कि उन्हें यह बताना होगा कि उनकी ऐसी क्या मजबूरियां थी कि वह इस जघन्य हमले की निंदा तक नहीं कर सके।
शाह ने शुक्रवार को यहां आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान यह बात कही। उन्होंने 14 फरवरी को पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के वीभत्स आत्मघाती हमले में शहीद हुए जवानों की चर्चा करते हुए यह बात कही। उन्होंने प्रश्न किया कि खान ने इस आतंकवादी हमले की निंदा क्यों नहीं की। भाजपा अध्यक्ष ने कहा,“इमरान खान ने किसी भी आतंकवादी हमले की कभी निंदा नहीं की है। उन्हें बताना होगा कि उनकी क्या मजबूरियां रही हैं? ”
खान के इस बयान पर कि वह बातचीत के लिए तैयार हैं और पुख्ता सबूत देेने पर जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ कार्रवाई करेंगे, शाह ने कहा,“मैं इतना ही कहता हूं… सबूत की बात बाद में आती है,पुलवामा में जो हुआ उसकी एक बार निंदा तो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री करें। दो शब्द बोलने के लिय नहीं हैं।”
शाह ने कहा कि खान जब पुलवामा आतंकवादी हमले की निंदा तक नहीं कर रहे हैं ,ऐसे में भारत उन पर कैसे विश्वास कर सकता है। उन्होंने कहा,“ कैसे भरोसा करें। वो बोलते जायें और हम सुनते रहें। क्या आपकी मंशा नहीं देखेंगे हम? हमें पता है कि पाकिस्तान में शासन उनके नियंत्रण में नहीं है लेकिन आप बोल तो सकते हैं? क्या आप इतने बेचारे हैं।”
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद को खत्म करना चाहता है तो उसे आगे आकर बात करनी चाहिए। उन्होंने विपक्षी दलों की आलोचना करते हुए कहा कि आतंकवाद के मुद्दे पर देश को एक स्वर में बोलना चाहिए। भाजपा जब विपक्ष में थी और तत्कालीन सरकार ने इस तरह के संकट का सामना किया था तो वह सरकार के साथ खड़ी थी।