अबू धाबी । विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस्लामिक देशों के संगठन (ओआईसी) के मंच से आतंकवाद के खिलाफ स्वर मजबूत करते हुए शुक्रवार को कहा कि ओआईसी समेत विश्व समुदाय को आतंकवादियों के ठिकानों को खत्म करने और उन्हें संरक्षण तथा धन देने पर रोक लगाने के लिए आगे आना चाहिए।
स्वराज ने ओआईसी सम्मेलन के आरंभिक सत्र को बतौर सम्मानित अतिथि संबोधित करते हुए कहा,“अगर आप मानवता की रक्षा करना चाहते हैं तो आपको आतंकवादियों को संरक्षण और धन मुहैया कराने वाले देशों से कहना होगा कि वे एेसी करतूतों को बंद करें।” उन्होंने कहा, “आतंकवाद जिंदगियां तबाह कर रहा है, क्षेत्र में अस्थिरता ला रहा है और विश्व को इससे खतरा उत्पन्न हो गया है। हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कहते रहे हैं कि यह मानवीय मूल्यों और अमानवीय ताकतों के बीच की लड़ाई है।”
पाकिस्तान ने इस सम्मेलन का बहिष्कार किया है। उसने संयुक्त अरब अमीरात से आग्रह किया था कि भारत को बतौर विशिष्ट अतिथि इस सम्मेलन में आमंत्रित नहीं किया जाये, भारत को न्यौता देने पर वह सम्मेलन का बहिष्कार करेगा। ओआईसी ने पाकिस्तान की परवाह नहीं करते हुए भारत को इस सम्मेलन में बतौर सम्मानित अतिथि बुलाया जिससे नाराज पाकिस्तान ने इसका बहिष्कार किया है।
स्वराज ने हालांकि कहा कि आतंकवाद के संकट से मात्र कूटनीति, खुफिया और सैन्य साधनों से लड़ा नहीं जा सकता। यह एक चुनौती है जिससे सरकारों, बुद्धिजीवियों, विद्वानों, आध्यात्मिक गुरुओं और परिवारों के जरिये लड़ा जाना चाहिए।
दूसरी तरफ पाकिस्तान में परेशान दिखाई दे रहे विदेश मंत्री शाह माेहम्मद कुरैशी ने संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने संयुक्त अरब अमीरात से आग्रह किया था कि वह भारत को इस सम्मेलन के लिए आमंत्रित करने के अपने निर्णय पर पुनर्विचार करे। इस पर संयुक्त अरब अमीरात ने कहा,“ हमने आमंत्रण दे दिया है, अब न्यौते को वापस लेना कठिन है।”