गुरदासपुर । पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने विंग कमांडर अभिनंदन का वतन वापसी पर हार्दिक स्वागत करते हुये पाकिस्तान से आज आग्रह किया कि 1971 के युद्ध में बंदी बनाये सैनिकों को भी जल्द रिहा करेे।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पहले तो यह माने कि उसकी जेलों में हमारे युद्धबंदी हैं क्योंकि वो यह मानता ही नहीं कि उसकी जेलों में भारत के युद्धबंदी हैं। नियंत्रण सीमा पर तनाव के बाद कैप्टन सिंह सीमा से लगे छह जिलों में तीन दिन के दौरे पर हैं। उन्होंने गुरदासपुर के सीमा के आसपास के इलाकों के दौरे के समय आज पत्रकारों से कहा कि उन्होंने भारत सरकार से आग्रह किया है कि वो इस मुद्दे को इस्लामाबाद के समक्ष उठाये।
उन्होंने कहा कि खुशी की बात हैै कि तनाव के बावजूद करतारपुर कोरीडोर संबंधी काम जारी है। भूमि अधिग्रहण का काम चल रहा है तथा यह मुद्दा केन्द्र से उठाया जायेगा। उन्हें उम्मीद है कि सीमा पर तनाव की स्थिति जल्द हल कर ली जायेगी। करतारपुर कोरीडोर निर्माण काम पूरा होते ही दुनिया में बसे सिख ऐतिहासिक करतारपुर साहिब गुरूद्वारे के खुले दर्शन दीदार के लिये बेताब हैं।
मुख्यमंत्री तनाव के माहौल में लोगों में विश्वास बहाली के लिये गुरदासपुर जिले के सीमा से लगे हरूवाल गांव गये और लोगों से रूबरू हुये। उन्होंने कहा कि वह सीमा पार एेतिहासिक गुरूद्वारा में माथा टेकने वाले पहले श्रद्धालु होंगे। बस दोनों ओर शांति बनी रहनी चाहिये।
उन्होंने लोगों को आश्वस्त किया कि उन्हें अफवाहों से बचना चाहिये तथा डरने की कोई जरूरत नहीं क्योंकि सशस्त्र बल हर परिस्थति का मुकाबला करने को पूरी तरह तैयार हैं। उन्हें घबराने की जरूरत नहीं क्योंकि सरकार आपके साथ है। कुछ भी होता है तो मैं आपके साथ हूंगा।
डेरा बाबा नानक में जनसभा को संबोधित करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि वह केन्द्र सरकार से लगातार संपर्क में हैं और राज्य सरकार हर स्थिति से निपटने में सक्षम है। जय हिंद के नारों से गूंजे सभा स्थल पर कैप्टन सिंह ने कहा कि वो भी भारत माता की सेवा करने के बाद राजनीति में आये।
मुख्यमंत्री ने डेरा बाबा नानक चौकी पर सीमा सुरक्षा बल के जवानों के साथ चाय की चुस्की ली। वह आर्मी कैंप में सेना के अधिकारियों से मिले और उनका मनाेबल बढ़ाते हुये कहा कि ऐसे तनाव के हालात में उनकी सेवायें बेमिसाल हैं तथा पूरे देश को उन पर गर्व है।
गुरदासपुर जाने से पहले मुख्यमंत्री ने गुरदासपुर के जिला उपायुक्त ,डीआईजी बार्डर रेंज से स्थिति का जायजा लिया और नागरिकों की सुरक्षा के लिये आवश्यक कदम उठाने के बारे में बातचीत की। ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री की इच्छा थी कि वो अपने जांबाज विंग कमांडर अभिनंदन का वाघा सीमा पर स्वागत करने जायें लेकिन रक्षा प्रोटोकाल के मद्देनजर वह नहीं गये।