अजमेर। अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज के 807वें सालाना उर्स के लिए खादिमों की प्रमुख संस्था अंजुमन मोईनिया फखरिया चिश्तिया खुद्दामे सैयद जादगान ने दौरान-ए-उर्स होने वाली रस्मों का समय विवरण शनिवार को जारी कर दिया।
अंजुमन सचिव सैयद वाहिद हुसैन अंगारा ने बताया कि आस्ताना-ए-आलिया (हजरत ख्वाजा गरीब नवाज का पवित्र मजार) में होने वाली तमाम रस्में 800 वर्षों से भी ज्यादा समय से खादिम समुदाय अंजाम देता आ रहा है। उर्स मुबारक की शुरुआत 25 जमादिउस्मानी को सुबह आस्ताना खुलने के साथ होती है और इसी दिन से रोजाना दिन में तीन बजे होने वाली खिदमत शाम रौशनी के बाद साढ़े सात बजे होगी।
उन्होंने बताया कि सालभर रोजाना दिन के तीन बजे होने वाली खिदमत शरीफ में जो संदल मजार शरीफ पर पेश किया जाता है, वह हर साल की तरह 28 जमादिउस्सानी यानी छह मार्च को खुद्दाम-ए-ख्वाजा द्वारा उतारा जाएगा।
29 जमादिउस्सानी यानि सात मार्च को खुद्दाम-ए-ख्वाजा की जानिब से तड़के साढ़े चार बजे जन्नती दरवाजा आम और खास के लिए खोला जाएगा जिसे छह रजब-उल-मुर्जब को दिन में डेढ़ बजे बंद कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि चांद रात से छह रजब तक खिदमत शरीफ का समय सुबह चार बजे, खिदमत शरीफ और रात्रि के पहले गुस्ल का समय साढ़े सात बजे जो कि छह रजब को दोपहर ढाई बजे का रहेगा।
इसके अलावा रात्रि के दूसरे गुस्ल का समय भी साढ़े बारह बजे से दो बजे के बीच का रहेगा जो पांच रजब यानि बारह मार्च तक रहेगा। उन्होंने कहा इस दौरान पढ़ने वाले जुम्मों पर परंपरागत तरीके से नमाज अदा की जाएगी।
आस्ताना शरीफ में पुलिस प्रशासन द्वारा कैमरे लगाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जिला पुलिस अधीक्षक का इस मामले में सुझाव है, लेकिन इस सुझाव पर मिल बैठकर विचार करना होगा कि पुलिस किन कारणों से आस्ताने पर कैमरा लगाना चाहती है। यदि उनकी ओर से कोई ठोस कारण समझ में आता है और सबकी रजामंदी होती है तो अनुसार निर्णय लिया जाएगा।
उन्होंने कैमरों की आवश्यकता से इन्कार करते हुए कहा कि आस्ताने में अब तक जैसा चलता आ रहा है चलता रहेगा। उर्स मुबारक के लिए अंजुमन की ओर से सैयद फजले मोईन को संयोजक मनोनीत किया है। उधर, दरगाह शरीफ के बड़ी एवं छोटी देग का ठेका तीन करोड़ 30 लाख पांच हजार रुपए में हुआ है। यह ठेका पच्चीस दिनों के लिए के लिए हुआ है।