नई दिल्ली। केन्द्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली ने विपक्षी दलों की कड़ी आलोचना करते हुए आज कहा कि पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकवाद के खिलाफ भारतीय वायुसेना की कार्रवाई के बाद उनके बयानों से राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंच रहा है।
जेटली ने कहा कि विपक्ष को विरोध करने और सवाल पूछने का हक है लेकिन इसमें संयम और सावधानी जरूरी है। जेटली ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा की बालाकोट में आतंकवाद के खिलाफ भारतीय वायुसेना की कार्रवाई के बाद विपक्षी दल बयान जारी कर रहे हैं। जिनसे भारतीय हितों को नुकसान पहुंच रहा है।
उन्होंने कहा कि जब पूरा देश एक स्वर में बोल रहा है और सशस्त्र सेनाओं के साथ खड़ा है तो विपक्षी पार्टियां ऐसे बयान जारी कर रही हैं जो आतंकवाद के खिलाफ भारतीय अभियान के विरूध पाकिस्तान के हाथों में हथियार बन रहे हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सबसे आपत्तिजनक और निराशा जनक बयान दिया है जिसमें उन्होंने कहा है कि दोनों देश आत्मविध्वंस के लिए पागल हैं। उन्होंने कहा कि डाक्टर सिंह के अनुसार आतंकवाद फैलाने वाले और इससे प्रभावित दोनों एक समान हैं।
केन्द्रीय मंत्री ने 21 राजनीतिक दलों द्वारा पारित उस प्रस्ताव को भी अनुचित बताया जिसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री पुलवामा आतंकवादी हमले और बालाकोट की कार्रवाई का राजनीतिकरण कर रहे हैं। उन्होंने कहा,“इस प्रस्ताव से शत्रुओं को बल मिला है और पाकिस्तान का मीडिया इसे तुरूप के पत्ते की तरह इस्तेमाल कर रहा है।
जेटली ने बालाकोट कार्रवाई पर संदेह जाहिर करने और सबूत मांगने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आलोचना की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता भी सरकार और वायुसेना की विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहे हैं।
जेटली ने कहा कि इसके पर्याप्त सबूत हैं कि पुलवामा आतंकवादी हमला सुनियोजित था और इसकी साजिश सीमापार रची गई थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि बालाकोट में भारतीय वायुसेना की कार्रवाई देश की सम्प्रभुता की रक्षा करने के लिए की गई थी और इसे बहुत सटीक ढ़ंग से पूरा किया गया।
उन्होंने उम्मीद जताई की विपक्षी पार्टियां अपनी स्थिति पर फिर से विचार करेंगी और देश को नीचा नहीं देखने देंगी।