सबगुरु न्यूज-सिरोही। जिला मुख्यालय पर जनप्रतिनिधि और अधिकारी दोनों बदल गए। लेकिन कई व्यवस्थाएं अभी भी उसी तरह से अव्यवस्थित हैं जिस तरह से 11 दिसम्बर से पहले थी। ये हालात जिला चिकित्सालय के भी हैं।
एक सोनोलॉजिस्ट के कारण यहां पर सोनोग्राफी के लिए दो मशीनें है। सोनोलॉजिस्ट की दो पोस्टें भी हैं, लेकिन इसमें एक ही चिकित्सक के तैनात होने के कारण जिला मुख्यालय पर सोनोग्राफी के लिए पांच से सात दिन इंतेजार करना पड़ रहा है।
-एमसीएच विंग की पोस्ट खाली
जिला चिकित्सालय में मातृ शिशु स्वास्थ्य विंग के लिए एक और सामान्य चिकित्सालय के लिए दूसरी सोनो लॉजिस्ट की पोस्ट है। केन्द्र और राज्य सरकारों के मातृ शिशु स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशीलता के दावों की पोल यहां खुल जाती है। जिला चिकित्सालय में सरकार ने मातृ-शिशु स्वास्थ्य विंग के सोनोलॉजिस्ट की पोस्ट अब भी खाली रखी हुई है।
ऐसे में व्यवस्था के लिए सामान्य चिकित्सा के लिए सोनोलॉजिस्ट को यह दोनों काम करने पड़ रहे हैं। सिरोही विधायक संयम लोढ़ा ने राजस्थान हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाकर सिरोही चिकित्सालय में चिकित्सकों की कमी की पूर्ति तो करवा दी, लेकिन अभी भी कुछ प्रमुख पद खाली हैं।
-दर्द से बेहाल फिर भी सात दिन इंतजार
गर्भवती स्त्रियों के साथ ही आंतों, किडनी स्टोन, एपेंडिक्स जैसे पीड़ादायक रोगों के त्वरित इलाज के लिए सोनोग्राफी आवश्यक है। जिला चिकित्सालय में एक सोनोलॉजिस्ट नहीं होने के कारण मातृ-शिशु विंग का काम भी सामान्य चिकित्सा के सोनोलॉजिस्ट को करना पड़ रहा है।
गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा के लिए इन्हें महिला चिकित्सालय में ही शिफ्ट कर रखा है। लेकिन, चार घंटे के चिकित्सालय के समय में दस मिनट एक मरीज की जांच होने के कारण एक दिन में 24 मरीजों की सोनोग्राफी हो पाती है। ऐसे में चिकित्सालय में पांच से सात दिन की अग्रिम डेट दी जा रही है। ऐसे में पीडि़त मरीजों को फिर से निजी सोनोग्राफी सेंटरों की शरण लेनी पड़ रही है। पीसीपीएनडीटी एक्ट की सख्ती के कारण इनकी संख्या भी शहर में निश्वित ही है।
-सरकार आते ही खींचने लगी चिकित्साकर्मी
जैसे ही कांग्रेस की सरकार आई राजनीतिक पहुंच के कारण कई चिकित्साकर्मियों ने अपने स्थानांतरण करवा लिए। हाल ही में सरकार ने जिले से 24 और जिला चिकित्सालय में छह पैरा मेडीकल स्टाफ को स्थानांतरण कर दिया। वहीं चिकित्सक भी अपने स्थानांतरण के इंतजार में हैं।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेशचंद्र मीणा के सिरोही आगमन पर स्थानीय विधायक संयम लोढ़ा ने उनसे इस बात पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने सीएमएचओ व पीएमओ को चिकित्साकर्मियों के स्थान पर दूसरे चिकित्साकर्मी आने तक किसी को रिलीव करने पर हाईकोर्ट में इस संबंध में एफीडेविट देने को भी ताकीद किया।
-इनका कहना है…
एमसीएच विंग की रिक्त पोस्ट भर दी जाए तो वर्तमान में लगे हुए सोनोलॉजिस्ट को फिर से सामान्य चिकित्सालय में शिफ्ट कर सकते हैं। अभी मातृ शिशु विंग और सामान्य चिकित्सालय की सोनो ग्राफी के लिए एक ही चिकित्सक है।
डॉ बीएल ग्रोवर
पीएमओ, सिरोही।