रावलपिंडी। पाकिस्तान में रावलपिंडी की एक अदालत ने टॉप मॉडल एवं पार्श्व गायिका अयान अली को नगदी तस्करी मामले में भगोड़ा घोषित करते हुए उसकी सभी चल एवं अचल संपत्तियों को जब्त करने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 18 मार्च को होगी।
समाचारपत्र ‘डॉन’ की रिपोर्ट के अनुसार न्यायाधीश अरशद हुसैन भुट्टो ने मामले की सुनवाई के बाद शनिवार को इस आशय का आदेश दिया। अदालत ने अयान के वकील के अनुरोध को भी ठुकरा दिया कि उनके मुवक्किल को कोर्ट में समर्पण करने के लिए थोड़ा वक्त दिया जाए।
अदालत ने अयान के दोनों जमानती शौकत और नवाज की ओर से जमा की गई जमानत राशि को भी जब्त करने का आदेश दिया है। इसके बाद जज भुट्टो ने मामले की सुनवाई 18 मार्च तक के लिए मुलतवी कर दी।
अयान को 14 मार्च 2015 को पांच लाख छह हजार आठ सौ अमरीकी डॉलर कथित रूप से तस्करी करके संयुक्त अरब अमीरात ले जाने के आरोप में इस्लामाबाद स्थित बेनजीर भुट्टो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पर सुरक्षा बल के अधिकारियों ने गिरफ्तार किया था। यह हवाईअड्डा वर्ष 2018 तक इस्तेमाल में था तथा इसके बाद इसके स्थान पर नया हवाई अड्डा बनाया गया।
अयान की गिरफ्तारी मीडिया की सुर्खियों में छायी रही क्योंकि मामले की सुनवाई के लिए उसे रोजाना अदालत में पेश किया जाता था। अयान ने अदिआला जेल में चार माह काटे थे। अयान का नाम शीर्ष राजनेताओं के साथ जोड़ा जाता रहा है। उस पर राजनेताओं के काले धन को सफेद करने के काम में सहयोग करने का आरोप है।
सरकार ने अयान के विदेश जाने पर पाबंदी भी लगा दी थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश साकिब निसार की अध्यक्षतावाली पीठ ने उसे विदेश जाने की मंजूरी दे दी। गायिका का नाम एक कस्टम अधिकारी की हत्या से भी जोड़ा जा रहा है और इस मामले में रावलपिंडी के मजिस्ट्रेट ने उनके विरूद्ध गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 22 जुलाई 2016 को उस वारंट की तामिल पर रोक लगा दी।
पिछले साल अक्टूबर में विशेष अदालत ने अयान के खिलाफ नगदी तस्करी मामले में सुनवाई के दौरान मौजूद नहीं रहने पर उनके विरूद्ध गैर जमानती वारंट जारी कर दिया। अयान उस दौरान विदेश में थी और पेशी के लिए समन जारी किए जाने के बावजूद अदालत की कार्यवाही में शामिल नहीं हुई थी।
अपने मुकदमे के दौरान, अयान ने अदालत के समक्ष कहा था कि वह भेदभावपूर्ण व्यवहार का सामना कर रही हैं। उसने अन्य आरोपी लोगों का हवाला दिया उससे दोगुनी या तिगुनी राशि लेते हुए पकड़े गए, लेकिन उन्हें कुछ हफ़्ते बाद जमानत पर रिहा कर दिया गया।
अयान ने आरोप लगाया कि न तो फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू और न ही किसी अन्य संस्था ने अन्य आरोपी व्यक्तियों से ऐसे मामलों में कर और संपत्ति का विवरण मांगा है लेकिन उसके मामले में उसकी आय और संपत्ति का विवरण जांच के दायरे में है।